जयपुर। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि, प्रदेश के औद्योगिक विकास तथा भौगोलिक दृष्टि से दिल्ली-मुम्बई इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर (डीएमआईसी) एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। बता दे कि, इससे राज्य में निवेश, रोजगाार तथा नियोजित नगरीय विकास की बड़ी संभावनाएं हैं। साथ ही सीएम गहलोत ने निर्देश दिए कि, इस प्रोेजेक्ट के अन्तर्गत राज्य में प्रस्तावित निवेश क्षेत्रों के काम को योजनाबद्ध रूप से गति देते हुए इसे धरातल पर लाया जाए। सीएम निवास पर इस प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि, दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक कॉरिडोर परियोजना के तहत बनने वाले डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का बड़ा भाग राजस्थान से गुजरेगा।
वही, इसके पहले चरण में उन्होंने कहा कि, जिन राज्यों में डीएमआईसी प्रोजेक्ट पर बेहतर काम हुआ है, वहां का अध्ययन कर उनके अनुभवों को शामिल करते हुए जमीन अधिग्रहण, मुआवजा राशि भुगतान, पर्यावरणीय स्वकृति आदि के काम में तेजी लाई जाए। साथ ही, गहलोत ने खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना इण्डस्ट्रियल नोड़ के तहत भिवाड़ी इन्टीग्रेटेड टाउनशिप के कार्य को गति देने के लिए टाउन प्लानिंग विभाग तथा इंजिनियरिंग शाखा को मजबूत करने के भी निर्देश दिए।
इस बैठक में प्रमुख शासन सचिव डीएमआईसी नरेशपाल गंगवार ने कहा कि, जोधपुर-पाली-मारवाड़ निवेश क्षेत्र को स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन के रूप में घोषित करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। बता दे कि, इस निवेश क्षेत्र को विकसित करने के लिए रीको क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण के रूप मे काम करेगा। साथ ही खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना निवेश क्षेत्र के प्रथम चरण में अधिग्रहण के लिए 532 हैक्टेयर भूमि का अवार्ड पारित किया जा चुका है। इस बैठाक में उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, प्रमुख वित्त सचिव अखिल अरोरा, सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।