Indore: इंदौर के देवी अहिल्या बाई होलकर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (Devi Ahilyabai Holkar Intrtnational Airport) को सब कुछ बनाने के लिए अलग-अलग तरह की सुविधाएं शुरू की जा रही हैं. इसी कड़ी में एयरपोर्ट पर 15 विमानों (Planes) की नई पार्किंग (Parking) में से पांच पार्किंग और रनवे के बराबर बनाए गए टैक्सी-वे (Taxi-Way) को संचालित किए जाने की अनुमति दे दी गई है. पिछले 4 महीने से इस अनुमति का इंतजार किया जा रहा था.
बता दें कि बनाए गए 15 विमानों की पार्किंग में से 5 को मंजूरी मिली है, 10 पार्किंग की मंजूरी अभी प्रक्रिया में चल रही है. बताया जा रहा है कि इस महीने में इन्हें भी मंजूरी दे दी जाएगी. इसके बाद कुल 26 विमान एक साथ पार्क किए जा सकेंगे. वहीं टैक्सी-वे को मिली अनुमति का फायदा यह होगा कि लैंडिंग के बाद विमान तुरंत टैक्सी-वे पर जा पाएंगे. जिससे रनवे खाली हो जाएगा और दूसरी उड़ानें संचालित की जा सकेंगी.
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इंदौर विमानतल पर यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 24 मार्च 2018 से पहली बार एयरपोर्ट को सेंट्रल इंडिया का 24 घंटे खुले रहने वाला विमानतल बनाया गया है. 24 घंटे खुले रहने के कारण यहां पर कई एयरलाइंस अपने विमानों को पार्क करना चाहती थी. लेकिन एयरपोर्ट के पास बस 11 ही पार्किंग (Parking) मौजूद थी. इसी को देखते हुए एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से 15 नई पार्किंग के साथ ही टैक्सी-वे का टेंडर जारी किया गया.
जारी किए गए टेंडर का काम 2019 से पूरा हुआ और 2020 में यह खत्म होना था. लेकिन कोरोना के चलते काम लंबे समय तक बंद रहा और मार्च 2022 में पूरा हुआ.15 नई पार्किंग (Parking) और टैक्सी-वे (Taxi Way) तैयार हो जाने के बाद इनका उपयोग करने के लिए डीजीसीए से इसकी कमिश्निंग की मंजूरी मांगी गई. 15 में से 5 पार्किंग को मंजूरी दे दी गई है और 10 की मंजूरी मिलना बाकी है. बताया जा रहा है कि इस महीने इनकी मंजूरी भी दे दी जाएगी इसके बाद से एयरपोर्ट पर विमानों को यह सुविधा मिलने लगेगी.
एयरपोर्ट अथॉरिटी के अनुसार इंदौर एयरपोर्ट पर उड़ानों में ऐसी स्थिति देखी जा रही थी कि एक के बाद एक विमानों का आना जाना हो रहा था और रनवे खाली ना रहने की वजह से विमानों को इंतजार करना पड़ रहा था. इसी के चलते रनवे के समांतर में एक टैक्सी-वे बनाया गया है. यह रनवे के आखिरी छोर से शुरू होकर पार्किंग तक आने वाली एक सड़क की तरह है. बता दें कि रनवे पर उतरने के बाद विमान दौड़ते हुए आखिरी छोर तक जाते हैं और यू-टर्न लेकर वापस रनवे से होकर टर्मिनल तक आ जाते हैं. इस वजह से रनवे फ्री नहीं रहता है. लेकिन अब टैक्सी-वे की मदद से रनवे के आखिरी छोर पर पहुंचने के बाद विमान टैक्सीवे पर शिफ्ट हो जाएंगे. जिससे दूसरे विमानों को उड़ने या उतारने के लिए जगह मिल सकेगी और एक ही समय में ज्यादा उड़ाने इंदौर से आ और जा सकेंगी.