पवित्र अमरनाथ गुफा सनातन हिन्दू धर्म की आस्था का प्रमुख केंद्र है, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिवशंकर ने इसी अमरनाथ गुफा में माता पार्वती को अमर कथा का श्रवण कराया था। देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु प्रतिवर्ष होने वाली इस पवित्र यात्रा में सम्मिलित होकर स्वयं को कृतार्थ अनुभव करते हैं। जम्मू से चलकर कश्मीर के ऊपरी हिस्से में स्थित अमरनाथ गुफा तक पहुंचने के 2 रास्ते हैं। पहला मार्ग पहलगाम से तथा दूसरा मार्ग बालटाल से है। दूसरा मार्ग, पहले की तुलना में छोटा परन्तु अत्यंत दुर्गम है।
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प्रकृति के द्वारा होता है बर्फ के शिवलिंग का निर्माण
बाबा अमरनाथ की गुफा जम्मू और काश्मीर राज्य में समुद्र तल से करीब 3,800 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। अमरनाथ गुफा में बर्फ से बनने वाले शिवलिंग की विशेषता है कि इसका निर्माण प्रतिवर्ष प्राकृतिक तरिके से होता है। यात्रा का मार्ग काफी दुर्गम ,परन्तु प्राकृतिक सुंदरता के दृश्यों से भरपूर है , बर्फ की चादरें ओढ़े ऊँची-ऊँची पर्वत श्रंखलाऐं सभी श्रद्धालु यात्रियों का मन मोह लेती हैं।
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2 वर्ष के अंतराल के बाद इस वर्ष फिर होगी यात्रा प्रारम्भ
विगत दो वर्ष कोरोना प्रकोप के कारण जहां यात्रा स्थगित रही , वहीं इस वर्ष आगामी 30 जून से यात्रा फिर अपने पुराने अंदाज में किंतु नए जोश के साथ शुरू हो रही है। अमरनाथ श्राइन बोर्ड के द्वारा यात्रा का आयोजन किया जाता है , इस वर्ष अमरनाथ यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। यात्रा सावन के अंतिम दिन अर्थात 11 अगस्त , रक्षाबंधन के दिन तक जारी रहेगी।