पत्थरबाजों के घर बुलडोज़र चलाए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को 3 दिन में एक हलफनामा दाखिल करने के आदेश दिए हैं, जिस पर की अगले हफ्ते हो सकती है सुनवाई । याचिका के द्वारा यूपी सरकार पर पक्षपात करने का आरोप लगाया गया था , मुस्लिम समुदाय को बुलडोज़र कार्यवाही में बनाया जा रहा है निशाना , ऐसा याचिका में लिखित है। याचिका जमीयत उलमा ए हिन्द नामक मुस्लिम संगठन के द्वारा लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को सम्पत्तियों को नियमों और कानून के अंतर्गत निशाने पर लिया जाए ,ऐसे संकेत दिए हैं। अगले हफ्ते सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट दे सकती है यूपी सरकार को निर्देश।
नहीं रुकेगा बुलडोज़र, जारी रहेगी कार्यवाही
Read More : Maharashtra board 10th result 2022: कुछ देर में घोषित होंगे नतीजे, यहां देखें रिजल्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कानून के हिसाब से और कानून के दायरे में कार्यवाही करने की दी है यूपी सरकार को नसीहत , साथ ही उपद्रवियों पर यूपी सरकार की किसी कार्यवाही में हस्तक्षेप ना करने के भी संकेत दिए हैं , इससे ये माना जा रहा है की यूपी सरकार का बुलडोज़र रुकने वाला नहीं है और वो अपना कार्य करता रहेगा । साथ ही किसी प्रकार की पक्षपात पूर्ण कार्यवाही ना करने की भी सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से अपील की है , बुलडोज़र से सम्पत्तियों में तोड़फोड़ केवल अवैध निर्माणों के संदर्भ में हो नाकि किसी अन्य भेद या प्राथमिकता के अनुसार।
हालांकि यूपी सरकार पहले ही सूचित कर चुकी है कि उनकी बुलडोज़र कार्यवाही काफी समय से चल रही जांचों और रिपोर्ट्स के आधार पर हो रही है नाकि किसी अन्य प्रकार के धार्मिक राजनैतिक भेदभाव के आधार पर। यह प्रशासनिक कार्यवाही पूर्णतः निष्पक्ष है ऐसा यूपी सरकार ने भरोसा दिलाया है।
पहले भी चल चुका है बाबा का बुलडोज़र
यूपी सरकार अपने बुलडोज़र के लिए प्रसिद्ध है। बाबा का बुलडोज़र पहले भी कर चुका है यूपी में तोड़फोड़। माफिया मुख्तार अंसारी की अवैध सम्पत्तियों पर लगभग नौ बार यूपी सरकार का बुलडोज़र कहर बन कर टुटा था और सम्पत्तियों को ध्वस्त करके माना। मुख़्तार की लगभग 195 करोड़ की अवैध सम्पत्ति पर की गई थी यूपी सरकार द्वारा कुर्की की कार्यवाही। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था योगी सरकार की बुलडोज़र कार्यवाही का विरोध फिर भी नहीं रुका था योगी सरकार का बुलडोज़र।