उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए गैंगरेप कांड को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने अभी केस के ट्रायल को राज्य से बाहर शिफ्ट करने से इनकार किया है, साथ ही कहा है कि जब मामले की जांच पूरी हो जाएगी उसके बाद ट्रायल बाहर ट्रांसफर करने पर विचार किया जा सकता है. साथ ही इस मामले की निगरानी अभी इलाहाबाद हाईकोर्ट ही करेगी.
दरअसल, प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने एक जनहित याचिका और कार्यकर्ताओं और वकीलों की ओर से दायर कई अन्य हस्तक्षेप याचिकाओं पर 15 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। याचिकाओं में दलील दी गयी थी कि उत्तर प्रदेश में निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है, क्योंकि कथित तौर पर जांच बाधित की गयी।
इससे पहले राज्य सरकार की ओर से उच्चतम न्यायालय के समक्ष दायर ताजा हलफनामा में कहा गया था कि पीड़ित परिवार और गवाहों को तीन स्तरीय सुरक्षा दी गई है, इसके लिए पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। साथ ही गांव की सीमा के साथ जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि पीड़िता (19) के हाथरस जिले के चंदपा में रहने वाले परिजनों को पयार्प्त सुरक्षा दी जा रही है।