कहो तो कह दूँ = ‘राहू के सवा लाख जाप करवा लो’ या ‘नजर उतरवा लो’

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लगता है इन दिनों पुलिस डिपार्टमेंट पर या तो ‘राहू की महादशा’ चल रही है या फिर वो ‘शनि की साढ़ेसाती’ से ग्रसित है या फिर डिपार्टमेंट को किसी की ‘नजर’ लग गयी है, रोजाना किसी न किसी बड़े अफसर के कारनामे सामने आ रहे हैं किसी दिन किसी का वीडिओ वायरल होता है तो किसी दिन किसी अफसर का आडिओ सामने आता है अब देखो न कुछ दिन पहले तक ट्रांसपोर्ट कमिश्नर रहे मधु कुमार साहेब का एक वीडिओ सामने आया था जिसमें वे अपने अधीनस्तों से लिफ़ाफ़े ले ले कर उन्हें अपनी जांघो के नीचे छुपा रहे थे उनकी इस हरकत पर लक्ष्मी जी को क्रोध आना स्वाभाविक था कहाँ तो लोग मुझे माथे से लगाते हैं; मेरे पैर पूजते हैं; मेरी पूजा करते हैं और ये मुझे पैरों के नीचे दबा रहा है, लो साहेब उनकी लाई लुट गयी ‘कुबेर के खजाने पर यानी ‘ट्रांसपोर्ट कमिश्नर’ के पद पर बैठे थे एक ही झटके में पुलिस हेडक्वाटर में अटैच कर दिए गए जंहा धेले भर की बखत नहीं रहती बड़े बड़े अफसरों कीl उनके कांड की स्याही अभी सूखी भी नहीं थी कि एक ‘डीजी साहब’ अपनी बीबी को पीटने के आरोप में सस्पेंड कर दिए गए, वैसे तो मियाँ बीबी में तनातनी लम्बे समय से चल रही थी पर बुरा हो आजकल की तकनीक का, सारी मारपीट ‘सीसीटीवी कैमरे’ में रिकार्ड हो गयी और सरकार ने उसके ही आधार पर डीजी साहेब जी को सस्पेंड कर दिया, बुढ़ापे में ऐसी छीछलेदार होगी डीजी साहेब ने कभी सोचा भी नहीं होगाl अभी डीजी साहेब का मामला पुराना भी नहीं हुआ था कि एक और ऐडीजी साहेब का आडिओ सामने आ गया, किसी एडीजी जैसे स्तर अफसर के ऐसे बुरे दिन आ सकते हैं ये कभी अपन ने भी सोचा नहीं था जिसे एक कबाड़ी धमका रहा है कि मेरी गाडी छोड़ दो वरना आपका हाल भी मधुकुमार जैसा होगा आपके लेनदेन के के सारे वीडिओ आडिओ मेरे पास है आप मुश्किल में पड़ जाओगे अभी तक तो अपन ने पुलिसवालों को धमकाते देखा और सुना था पर यंहा तो उलटी गंगा बह रही है एक कबाड़ी एडीजी साहेब को दम पटक रहा है इधर जबलपुर में एक महिला पुलिस अफसर का वीडिओ वायरल हो गया है मिसमेँ वो दुष्कर्म के किसी आरोपी को बचाने के मामले में बात कर रही हैं इसमें भी लेन देन की बात सामने आ रही है इस मामले में अपने एसपी साहेब ने महिला अफसर से जवाब मांगा है अपने को लगता है कि प्रदेश के पुलिस डिपार्टमेंट को किसी की नजर लग गयी है जैसे जैसे आडिओ और वीडिओ सामने आ रहे हैं उसे देखकर तो लगता है कि अब पुलिस के अफसर या तो मुखौटा पहनकर किसी से धंधे की बात करेंगे या फिर किसी से फोन पर मोबाइल पर बात ही नहीं करेंगे पता नहीं कब कौन कौन सी बात रिकार्ड कर उसे वायरल कर देl वैसे अपन कुछ सलाह देना चाहते हैं ‘डीजीपी साहेब’ को डीजीपी साहेब पूरे पुलिस डिपार्टमेंट के लिए किसी पंडित को बुलाकर ‘राहू के सवा लाख जाप’ करवा लें इसके अलावा हर पुलिस वाले को आदेश दिए जाए कि हर शनिवार को शनि के दान के रूप में काजल, काला कपडाऔर तेल जरूर दान करे और तीसरी सलाह ये है कि हर पुलिस वाला जब भी ड्यूटी के लिए घर से निकले राई, नोन, मिर्ची या फिर गंधक और लोभान से नजर उतरवा कर ही घर से बाहर निकलें वरना कोई और आडिओ या वीडिओ वायरल हो जाये तो अपने को दोष मत देनाl

‘भाभीजी घर पर हैं’

अभी तक तो अपन ने नकली जेवतार, नकली बाल, नकली खाद, नकली सौंदर्य प्रसाधन नकली अफसर नकली तहसीलदार के बारे में सुना था पर अपने शहर की एक नकली भाभी ने तो सारी नकली चीजों को पीछे छोड़ दिया जबलपुर की खबरों को कोई भी नेशनल न्यूज़ चैनल तवज्ज़ो नहीं देता हैं पर नकली भाभी ने उन्हें मजबूर कर दिया कि वे सुबह से शाम तक जबलपुर के बारे में चर्चा करेंl हाथरस कांड में अपने शहर की एक महिला डाक्टर पांच छह दिन तक पीड़िता के परिवार वालो के साथ ‘भाभी’ बनकर रही और किसी को कानों कान खबर भी नहीं हुई कि ये असली नहीं बल्कि ‘नकली भाभी’ है बाकायदा टीवी वाले भाभी के रूप में उनका इंटरव्यू लेते रहे किसी को इतनी भी अकल नहीं आई कि गांव में रहने वाली ये भाभी कैसे रिपोर्टरों के सवालों का पूरे कॉन्फिडेंस के साथ जवाब दे रही है जब एसआईटी गठित हुई तब पता लगा कि जो भाभी पीड़िता के घर में रह रही थी वो असली नहीं बल्कि नकली भाभी थी, अब नकली भाभी से पूछताछ होने वाली है सबसे बड़ी बात तो ये है की ये नकली भाभी जानी मानी भाभी डाक्टर है और इन भाभीजी का कहना है कि वे तो मानवता के नाते पीड़िता के घर गयी थी अपने को तो लगता है कि अब हर कांड के बाद जब भी जांच टीम किसी पीड़िता के घर पंहुचे तो सबसे पहले उसे यही पूछना चाहिए ‘भाभीजी घर पर हैं’

सुपरहिट ऑफ़ द वीक

श्रीमान जी ने कपडे की नई दुकान खोली, रात को सपने में उन्होंने देखा कि एक ग्राहक बीस मीटर कपडा मांग रहा हैं

खुश होकर उन्होंने थान से कपड़ा फाड़ना शुरू किया

तभी श्रीमती जी जाग गयी और चिल्लाकर बोली ‘मेरी साड़ी क्यों फाड़ रहे हो’

श्रीमान जी नींद में बड़बड़ाये ‘कम्बख्त बीबी दुकान में भी पीछा नहीं छोड़ती’.

चैतन्य भट्ट.