लखनऊ। हाथरस गैंग रेप केस में समाजवादी पार्टी ने आक्रोश को उभारते हुए कुछ अधिकारियों को निलंबित किये जाने के बाद उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज किये जाने की मांग की है। शनिवार को सपा अध्यक्ष एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जनता को तब संतोष होगा, जब उच्चतम न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश से हाथरस घटना की निष्पक्ष कराई जाएगी।
पूर्व मुख्यमंत्री कहा कि, ”हाथरस कांड में भाजपा सरकार की लीपापोती की नीति के विरूद्ध प्रदेश में जनाक्रोश थम नहीं रहा है। उन्होंने कई सवालों के जवाब मांगते हुए कहा कि, “इससे डर कर और अपना कृत्य छुपाने के लिए कुछ अधिकारियों को हटा जरूर दिया गया है, लेकिन न्याय की मांग है कि उन पर प्राथमिकी भी दर्ज हो। ताकि उनसे यह सच उगलवाया जा सके कि किस के दबाव में उन्होंने आतंक फैलाया ? रात में परम्परा के विपरीत दलित युवती का शव क्यों जला दिया और पीड़िता के परिवार को बंधक बनाकर क्यों रखा? मीडिया व विपक्षी सांसदों तक से क्यों दुर्व्यवहार किया गया? उन्हें पीड़िता के परिवार से क्यों नहीं मिलने दिया?”
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने इस मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) की रिपोर्ट के आधार पर हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर, क्षेत्राधिकारी रामशब्द और तीन अन्य पुलिकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।