मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के आइफा अवार्ड के आयोजन को तमाशा बताने के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि यह जनता तय करती है कि क्या तमाशा है और क्या गैर तमाशा है , शिवराज जी यह तय करने वाले कौन ? वह शिवराज जी जिन्होंने 15 वर्ष सिर्फ तमाशा किया वो आईफ़ा के आयोजन को तमाशा बता रहे हैं। जिन शिवराज जी के राज में प्रदेश की पहचान माफियाओ से थी मिलावट खोरो से थी , उनको तो ऐसे आयोजन तमाशे ही लगेंगे।
शिवराज जी इतना झूठ बोलते हैं कि झूठ भी शर्मा जाए।कभी कहते हैं कि आईफा के लिए हमारी सरकार ने पैसे का आवंटन किया , जबकि हमने आईफा के लिए एक रुपए का भी ना बजट में कोई प्रावधान किया और ना ही कोई आवंटन किया। गोपाल भार्गव ने स्वास्थ्य केंद्र के दौरे के दौरान खुद देखा कि डॉक्टर ,नर्स यहाँ तक की चपरासी तक गायब है।उन्होंने सच को स्वीकार किया ,उन्हें बधाई देता हूं और उम्मीद करता हूं आगे भी वे इसी प्रकार सच बोलते रहेंगे।
भाजपा शासकीय तंत्र के भरोसे चुनाव जीतना चाहती है ,उसे जनता पर भरोसा नहीं है इसीलिए भाजपा का बिल्ला जेब में लिए घूम रहे अधिकारियों की पोस्टिंग उपचुनाव वाले क्षेत्रों में की जा रही है। मैं पुलिस से निवेदन करना चाहता हूं कि वह अपनी वर्दी की इज्जत रखें और जो अधिकारी भाजपा का बिल्ला जेब में रखकर काम कर रहे हैं , उन्हें भी कहना चाहता हूं कि चिंता ना करें , जनता को गवाह बना कर चुनाव के बाद इन सब से भी हिसाब लूंगा।