Sheetla Saptami 2022 : आज देशभर में शीतला सप्तमी (Sheetla Saptami) मनाई जा रही है। इस दिन महिलाएं संतान की सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य रक्षा व परिवार की खुशहाली के लिए देवी मंदिरों में खास पूजा करती है। शीतला सप्तमी व्रत से घर में सुख, शांति बनी रहती है साथ ही साथ रोगों से मुक्ति निजात मिलता है। स्कंद पुराण के अनुसार मां शीतला दुर्गा मां पार्वती का ही अवतार हैं। ये प्रकृति की उपचार शक्ति का प्रतीक हैं। इस दिन भक्त अपने बच्चों के साथ मां की पूजा आराधना करते हैं जिसके फलस्वरूप परिवार प्राकृतिक आपदा तथा आकस्मिक विपत्तियों से सुरक्षित रहता है। आदिकाल से ही श्रावण कृष्ण सप्तमी को महाशक्ति के अनंतरूपों में से प्रमुख शीतला माता की पूजा-आराधना की जाती रही है।
शीतला सप्तमी महत्व –
ज्योतिषों के मुताबिक, चैत्र माह में बच्चों में छोटी माता आना और मस्तिष्क ज्वर न हो इसलिए शीतला माता की पूजा अर्चना महिलाऐं करती है। ऐसा कहा जाता है कि आज के दिन शीतला माता की पूजा करने से चेचक, नेत्र विकार आदि रोग होने का डर नहीं रहता है। इतना ही नहीं शीतला माता की विधिवत पूजा करने वाली संतानहीन महिलाओं को जल्द ही संतान-सुख की प्राप्ति होती है।
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एक दिन पहले बनाया जाता है भोजन –
आज शीतला सप्तमी है। वहीं शीतलाष्टमी 25 मार्च को रहेगी। ऐसे में रात्रि में हलवा, पूरी, दही बड़ा, पकौड़ी, पुए रबड़ी आदि बना लिया जाता है। वहीं अगले दिन सुबह सबसे पहले महिलाएं इन चीजों का भोग शीतला माता को लगाकर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। साथ ही इस दिन घर के सदस्य भी बासी भोजन खाना पड़ता है। इस ही वजह से इसे बासौड़ा पर्व भी कहा जाता है। हालांकि इस दिन के बाद से बासी खाना खाना अच्छा नहीं माना जाता है। दरअसल, इसे सर्दियों का मौसम खत्म होने का संकेत माना जाता है साथ ही इसे इस मौसम का अंतिम दिन माना जाता है।
गर्म खाद्य पदार्थों का न करें सेवन
जानकारी के मुताबिक, शीतला सप्तमी एवं शीतलाष्टमी के दिन गर्म खाना खाना अच्छा नहीं माना जाता है। साथ ही आज के दिन घर में चूल्हा नहीं जलाया जाता है। इसलिए एक दिन पहले ही सभी घरों में खाना बना लिया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन गर्म पानी से नहाने की भी मनाही है। शीतला अष्टमी के दिन शीतल जल से ही नहाने की परंपरा है।