उज्जैन : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज उज्जैन में प्रधानमंत्री फसल बीमा वितरण के कार्यक्रम में कम्प्यूटर पर एक क्लिक के द्वारा प्रदेश के 22 लाख किसानों के खाते में प्रधानमंत्री फसल बीमा के 4 हजार 686 करोड़ रुपये की राशि डाली। इस अवसर पर मौजूद किसानों एवं वेब कास्टिंग के माध्यम से जुड़े लाखों किसानों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार किसान हितैषी सरकार है और आते ही हमने किसानों की प्रधानमंत्री फसल बीमा की पुरानी किश्त भरने का काम किया है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने किसानों को भ्रमजाल में रखा एवं कर्जा माफी का लालच देकर उनको छला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों का कर्जा माफ करने का झूठ पुरानी सरकार ने बोला है और 50 हजार करोड़ कर्ज की तुलना में मात्र छह हजार करोड़ का कर्ज ही माफ किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में कोई भी मंडी बन्द नहीं होगी। किसानों को यह सुविधा दी गई है कि वे चाहे तो अपने खेत से या अपने घर से अपनी उपज बेच सकते हैं। उन्होंने कहा कि खेती को लाभ का धंधा बनाया जायेगा और नर्मदा नदी का जल मालवा क्षेत्र में लाकर रहेंगे। आगामी तीन वर्षों में सूक्ष्म सिंचाई हेतु हरित क्रान्ति समिति का गठन किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा महाकाल की नगरी से वे किसानों को सौगात दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार नहीं बनी तो इसका कोई गम नहीं था, किन्तु सत्ता में नहीं रहने के बाद भी हम लोग चैन से नहीं बैठे। जब-जब मौका मिला तब-तब जनता के बीच जाकर उनसे संवाद किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के चलते निश्चित रूप से आर्थिक सीमाएं हैं, किन्तु फिर भी किसानों के हित में किसी भी तरह की बाधा नहीं आने दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के चलते कल-कारखाने और उद्योग-धंधे बन्द हो गये। टैक्स आना बन्द हो गया, फिर भी हमने ढाई सौ करोड़ का प्रीमियम किसानों का भरा। किसानों की जिन्दगी को पटरी से उतरने नहीं दिया। सहकारी बैंक का 1500 करोड़ रुपये भर रहे हैं। इसके साथ ही भावांतर के 470 करोड़ रुपये भी हम देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने किसानों का एक करोड़ 29 लाख मैट्रिक टन गेहूं खरीदा। गेहूं खरीदी में हमने पंजाब और हरियाणा को पीछे छोड़ दिया। 25 हजार करोड़ रुपये की राशि किसानों के खाते में हस्तांतरित की। तिवड़ा लगा चना भी खरीदा। पूर्व में 13 क्विंटल चना खरीदी की ही अनुमति थी। केन्द्रीय कृषि मंत्री से बात कर इसे 20 क्विंटल तक बढ़ाया। 30 हजार करोड़ रुपये की उपार्जन की राशि किसानों के खातों में डाली। पूर्व में प्रधानमंत्री सम्मान निधि का लाभ 35 लाख किसानों को मिलता था, जिसे हमने बढ़ाकर 77 लाख तक कर दिया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि अब कोई भी किसान किसान क्रेडिट कार्ड से वंचित नहीं रहेगा। दूध उत्पादक कृषकों के भी किसान क्रेडिट कार्ड बनाये जायेंगे। यदि कोई व्यक्ति गोवंश के लिये ऋण लेता है तो उसे जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। स्वामित्व योजना के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र का सर्वे कर ग्रामीण व्यक्तियों को भू-अधिकार दिया जायेगा। वह अपने घर के माध्यम से ऋण ले सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा में 13 हजार लोगों की जान बचाई गई और फसल नुकसान का सर्वे किया गया। उन्होंने कहा कि सोयाबीन, उड़द एवं मक्का की फसल में जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई की जायेगी, चाहे इसके लिये कहीं से भी उधारी लेनी पड़े। प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लिया है और हमने आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का संकल्प लिया है। आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश किसानों के सहयोग से ही बन सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी कभी बन्द नहीं की जायेगी। एक हजार जलवायु आधारित गांव बनाये जायेंगे। गांवों में कस्टम हायरिंग सेन्टर स्थापित किया जायेगा। अब किसानों से ही कच्चे माल का फूड प्रोसेसिंग करवायेंगे। इससे लोगों को रोजगार मिलेगा। तीन हजार हेक्टेयर क्षेत्र में जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जायेगा। चिन्नौर का चावल एवं गाडरवाड़ा की दाल को जियोटैग दिलवायेंगे। अब एक जिला एक पहचान के तहत उस जिले की उद्यानिकी फसल को पहचान दिलाई जायेगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश की सरकार किसान हितैषी सरकार है और सरकार का मुख्य केन्द्र बिन्दु किसान एवं खेती है। हर परिस्थिति में सरकार किसान के साथ खड़ी है। खेती को अमलीजामा पहनाया जायेगा।
मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना फिर से प्रारम्भ होगी, मुख्यमंत्री ने की घोषणा
प्रधानमंत्री फसल बीमा वितरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने वेब कास्टिंग के माध्यम से खंडवा, सागर एवं धार के किसानों से सीधे बातचीत की एवं उनके खाते में फसल बीमा की राशि डालने की जानकारी के बारे में उनसे पूछताछ की। धार के कृषक तरूण ने कहा कि उनके पास छह हेक्टेयर जमीन है और 90 हजार 164 रुपया बीमे का मिला है। मुख्यमंत्री को जब पता लगा कि श्री तरूण की चार बेटियां हैं तो उन्होंने कहा कि बेटियों को अच्छे से शिक्षा देना। कृषक तरूण ने मुख्यमंत्री से खेती-किसानी में आने-जाने की समस्या को दूर करने के लिये मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना को फिर से प्रारम्भ करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के बाद भी वे इस किसान हितैषी योजना को पुन: प्रारम्भ करेंगे। खंडवा जिले के किसान रेवाराम से मुख्यमंत्री ने पूछा कि वे कौन-कौन सी फसल उगा रहे हैं और पिछली बार गेहूं कितना हुआ था। किसान रेवाराम ने कहा कि उन्हें सोयाबीन का फसल बीमा एक लाख 72 हजार 381 रुपये मिला है और इससे उनके नुकसान की भरपाई हो गई है। उन्होंने कहा कि उनके पास 15 हेक्टेयर जमीन है और वे सोयाबीन, गेहूं, चना की फसल लेते हैं किन्तु इस बार भी सोयाबीन की फसल में वायरस लगने के कारण बहुत नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 की खरीफ फसल का बीमा पाकर उनका घाटा कुछ कम हो गया है। मुख्यमंत्री ने सागर के कृषक विक्रमसिंह से बात की तथा उनसे पूछा कि उनके चने का उपार्जन हुआ कि नहीं। विक्रम सिंह को फसल बीमा की एक लाख 44 हजार रुपये की राशि मिली है। कृषक ने कहा कि इस बार फिर से सोयाबीन में रोग लग गया है। मुख्यमंत्री ने इस पर कहा कि हमने प्रधानमंत्री फसल बीमा की तारीख पर तारखी बढ़ाई है ताकि शत-प्रतिशत किसानों का बीमा हो सके।
कार्यक्रम में सम्बोधित करते हुए कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री कमल पटेल ने कहा कि किसान भाईयों के लिये आज खुशी का दिन है। प्रदेश के 22 लाख 51 हजार 188 किसानों के खाते में एक साथ 4 हजार 686 करोड़ रुपये की राशि डाली जा रही है। उन्होंने कहा कि यह देश किसानों का है और किसान इस देश की रीढ़ है। रीढ़ मजबूत होगी तो देश मजबूत होगा। कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश के साथ-साथ उज्जैन जिले में एक लाख 44 हजार 123 कृषकों को 868 करोड़ रुपये बीमा के रूप में भुगतान एक क्लिक से किया गया है।
मुख्यमंत्री ने किसानों को फसल बीमा की राशि के प्रमाण-पत्र वितरित किये
आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने उज्जैन जिले के छह किसानों को खरीफ-2019 की फसल बीमा राशि के भुगतान का प्रमाण-पत्र वितरित किया। मुख्यमंत्री ने जयरामपुरा के बद्रीलाल को तीन लाख 13 हजार रुपये की राशि का प्रमाण-पत्र वितरित किया। इसी क्रम में तालोद के अर्जुनसिंह रघुवंशी को तीन लाख 66 हजार 24 रुपये का, जलवा के जालमसिंह सोलंकी को तीन लाख 50 हजार 60 रुपये का, उमरिया के बनेसिंह को तीन लाख दो हजार 49 रुपये का, जवासिया के करणसिंह को 66 हजार 605 रुपये तथा लिघोड़ा के आत्माराम को एक लाख छह हजार रुपये की राशि के प्रमाण-पत्र वितरित किये। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव कृषि श्री अजीत केसरी ने आभार प्रकट किया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में कृषि एवं किसान कल्याण कमल पटेल, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन, बहादुरसिंह चौहान, विवेक जोशी, बहादुरसिंह बोरमुंडला, प्रमुख सचिव कृषि श्री अजीत केसरी, संभागायुक्त आनन्द कुमार शर्मा, आईजी राकेश गुप्ता, कलेक्टर आशीष सिंह सहित गणमान्य अतिथि एवं कृषकगण मौजूद थे।