नई दिल्ली। गुजरात (Gujrat) के विशेष न्यायालय ने शुक्रवार को अहमदाबाद (Ahmedabad) में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले की सजा सुनाई है। वर्ष 2008 में हुए इन धमाकों से न केवल पूरा देश हिल गया था वहीं पचास से अधिक लोगों की भी मौत हो गई थी। बता दें कि इसके पहले 2 फरवरी को न्यायालय द्वारा इस मामले में फैसला सुनाया जाना था।
इसलिए टला था फैसला
सीरियल ब्लास्ट मामले में 2 फरवरी को फैसला सुनाया जाना था लेकिन इसके पहले ही विशेष न्यायालय के जज एआर पटले को कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया था। यह बात 30 जनवरी की है और इस तरह फैसले की घड़ी 8 फरवरी तक टल गई।
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बीस स्थानों पर 21 धमाके
जुलाई 2008 के दौरान दोषियों ने बीस स्थानों पर 21 धमाके किए थे और इस कारण न केवल पूरे शहर में अफरातफरी मच गई थी वहीं आरोपियों को पकड़ने में भी पुलिस को काफी मशक्कत करना पड़ गई थी।
पुलिस ने यह किया था दावा
पुलिस ने यह दावा किया था कि जितने भी धमाके किए गए है वह एक ही साजिश के तहत किए गए है। इसके बाद न्यायालय की तरफ से सभी 35 प्राथमिकता को मर्ज कर मुकदमा चलाया गया। पुलिस के दावे के बाद कोर्ट ने सभी प्राथमिकी को मिलाकर केस की सुनवाई शुरू की गई। बता दें कि पुलिस ने इस मामले में अहमदाबाद पुलिस ने बीस और सूरत पुलिस प्रशासन ने 15 अन्य रूप से प्राथमिकी दर्ज की थी। इस तरह कुल 35 प्राथमिकी दर्ज हुई।
धमाके और धमाके
गौरतलब है कि देश में इसके पहले जितनी भी ब्लास्ट की घटनाएं हुई थी उनमें अधिक समय लिया गया था परंतु अहमदाबाद में एक घंटे के अंदर ही एक के बाद एक 21 धमाके कर सनसनी फैला दी गई थी।