लता मंगेशकर जी(Lata Mangeshkar) का जन्म वैसे तो इंदौर में ही हुआ हैं, लेकिन उनके जन्म का संबंध ग्वालियर मराठा-सिंधिया राज्य(Scindia drama house in Gwalior) से भी रहा हैं लेकिन ऐसा लगता हैं कि मंगेशकर परिवार सहित सभी फ़िल्म-नाटक संगीत प्रेमी इस बात को भूल रहे हैं।
दरअसल,वर्ष 1929 के शुरुआत में दीनानाथ मंगेशकर(Dinanath Mangeshkar) अपनी नवविवाहित पत्नी शेवन्ती के साथ ग्वालियर में सिंधिया शासन के नाटक घर (अब टाऊन हाल) जयाजी चौक बाड़ा में नाटक मंडली ले कर नाटक खेलने गए हुए थे। इस दौरान उन्हें टाऊन हाल के पास ही हुजरात रोड पर दो मंजिले मकान में 3 से 4 महीने तक अपनी पत्नी सहित पूरी नाटक मंडली के साथ ठहराया गया था।
और जानकारी के मुताबिक़ लता जी की माँ शेवन्ती को वर्ष 1929 के आरम्भ में गर्भ धारण हुआ, यानी लता उर्फ हेमा के गर्भ में आने की शुरुआत हो गई थी। और बाद में नाटक खेल समाप्ति पर वे नाटक मंडली के साथ ही इंदौर आ गयी थी, जहाँ सितंबर महीने में गर्भ काल पूर्ण होने पर लता का जन्म में हुआ। लेकिन लता की माँ की प्रैग्नेंसी की शुरुआत ग्वालियर हुजरात रोड के एक मकान में हो गई थी।
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इस आधार पर और वैदिक मान्यता के अनुसार भी कहा जा सकता हैं कि लता मंगेशकर नामक शरीर में जो आत्मा विराजित थी वो ग्वालियर अंचल की ही कोई गायक आत्मा हो सकती हैं। इसीलिये तो लता जी की आवाज में प्राकृतिक रूपेण गायन का सौंदर्य पाया जाता हैं।
आपको बता दे लता जी के पिता यानी दीनानाथ मंगेशकर जी के दो विवाह हुए थे। उनकी पहली पत्नी का नाम नर्मदा (बाद में “श्रीमती” रखा ) था। बताया जाता हैं कि शादी के समय नर्मदा 19 वर्ष की थी जबकि दीनानाथ 21 के थे। दीनानाथ और नर्मदा की एक लतिका नाम की बेटी थी लेकिन उसकी कम उम्र में ही मृत्यु हो गई थी। वहीं उनकी पत्नी नर्मदा की भी इसके तुरंत बाद ही मृत्यु हो गई।
इसके बाद दीनानाथ मंगेशकर की दूसरी शादी हुई और जिससे उनकी शादी हुई वो उनकी पहली पत्नी की ही बहन थी। उसका नाम शेवंती था। हालांकि कुछ सूत्रों का दावा है कि दीनानाथ ने उनकी दूसरी पत्नी का भी ‘श्रीमती’ नाम रख दिया था। जबकि कुछ ‘शुद्धमती’ नाम भी बताते हैं।
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दीनानाथ और शेवंती की शादी 1927 में घर में ही हुई थी और बिना किसी चमक दमक के महज एक सादे समारोह में हुई थी। हालांकि शेवंती की मां इस शादी में मौजूद नहीं रही। दीनानाथ और शेवंती के 5 संतान थी जिनके नाम लता, मीना, आशा, उषा, और ह्र्दयनाथ हैं।
वैसे तो उनकी पहली बच्ची का नाम हृदया/हेमा था लेकिन दीनानाथ उसे अपनी पहली पुत्री लतिका की याद में, लता बुलाया करते थे। और यही लड़की बड़ी होकर महान गायिका लता मंगेशकर के नाम से प्रसिद्ध हो गई।