मुंबई। सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में दीपक कोचर को गिरफ्तार कर लिया है। बता दे कि लगभग डेढ़ साल पहले बिजनेसमैन दीपक कोचर और उनकी पत्नी चंदा कोचर पर आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन मामले में केस दर्ज हुआ था। बता दे कि चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक व सीईओ रह चुकी हैं। हाल ही में ED ने दीपक कोचर से पूछताछ की थी। जिसके बाद सबूतों के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
बता दे कि ED ने चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपल धूत तथा अन्य के खिलाफ 1,875 करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी देने के मामले में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जांच के लिए PMLAके तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था। लोन आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन ग्रुप को दिया गया था। जिसके बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने FIR पर ईडी ने इस मामले पर कार्यवाही की। कोचर दंपत्ति के अलावा सीबीआई ने धूत की कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जिसके धूत की वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लि. और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लि. थीं। बता दे कि इस FIR में दीपक कोचर की कंपनी न्यूपावर रिन्यूवेबल्स का भी नाम शामिल है।
पिछले महीने दीपक कोचर की एक कंपनी ने दिल्ली हाई कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्त की गई संपत्तियों को छुड़ाने के लिये गयी थी। मार्च 2019 में प्रवर्तन निदेशालय ने इस कंपनी की सम्पति जब्त की थी। कंपनी का नाम पैसिफिक कैपिटल सर्विस प्रा. लि. है। वही कंपनी ने कोर्ट से कहा था कि,”ED उसकी संपत्ति को एक साल के लिए ही जब्त कर सकता है। एक साल तक जब्ती के बाद कोई चार्जशीट नहीं फाइल की गई है।”
जिसके बाद ED ने आपत्ति जताते हुए कहा कि,”संपत्ति जब्ती को लेकर एक ऐसी ही याचिक बॉम्बे हाई कोर्ट में लंबित है। पिछले साल मार्च में ही पैसिफिक सर्विस प्रा. लि. के कार्यालय पर ईडी द्वारा छापे में एक डायरी, हार्ड डिस्क और 10.5 लाख रुपये जब्त किये गये थे।” साथ ही ईडी की पूछताछ में चंदा कोचर ने कहा कि,”लोन को मंजूरी के सामूहिक फैसला था। इसे किसी एक व्यक्ति ने मंजूर नहीं किया था।”