Basant Panchami : बसंत पंचमी (Basant Panchami) का पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन मनाया जाता है। इस दिन से ही वसंत ऋतु की शुरूआत होती है। मान्यता है कि इस दिन मां देवी सरस्वती की आराधना की जाती है। साथ ही लोग पीले रंग का वस्त्र पहन कर सरस्वती मां की पूजा करते हैं। ज्ञान की देवी मां सरस्वती (Maa Saraswati) है जिनकी पूजा करने से सभी को ज्ञान की प्राप्ति होती है।
वहीं इस साल की बात करें तो इस साल 5 फरवरी को बसंत पंचमी आ रही है। बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन बहुत से लोगो के लिए इतना शुभ माना जाता हैं इस दिन विवाह भी होते है इसलिए कुछ लोग बसंत पंचमी के दिन प्रेम के देवता काम देव की पूजा भी करते हैं। खासतौर पर बसंत पंचमी (Basant Panchami) का त्योहार उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल समेत पूरे उत्तर भारत में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है।
आपको बता दे, इस बार बसंत पंचमी पर विशेष योग मनाई जाएगी। क्योंकि इस बार पंचमी के दिन सिद्ध साध्य और रवियोग बन रहा है। बताया जा रहा है कि सिद्ध, साध्य और रवि योग के त्रिवेणी योग में ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा की जाएगी। देवी सरस्वती सिद्धि प्रदान करती है।
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ये है शुभ मुहूर्त –
पंचमी तिथि आरंभ— 5 फरवरी, शनिवार, सुबह 6 बजकर41 मिनट से
पंचमी तिथि समाप्त— 6 फरवरी, रविवार, सुबह 6 बजकर42 मिनट तक
सिद्ध योग— 5 फरवरी, शनिवार को सुबह 7 बजक 11 मिनट से शाम 7 बजकर 41 मिनट तक
साध्य योग— 6 फरवरी, शाम 7 बजकर 33 मिनट तक
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, इस दिन मांगलिक कार्य या कोई नया काम करना बेहद शुभ माना जाता है। इतना ही नहीं विवाह के लिए भी ये दिन काफी शुभ माना जाता है। बताया जा रहा है कि बसंत पंचमी के दिन विवाह के लिए सर्वश्रेष्ठ संयोग और अबूझ मुहूर्त होता है। ज्योतिष ने बताया कि अबूझ विवाह मुहूर्त से यहां अभिप्राय उन जोड़ों से हैं जिनके विवाह के लिए कोई मुहूर्त नहीं निकल पाता है वो बेझिझक बसंत पंचमी के दिन विवाह कर सकते हैं।