इंदौर। इंदौर में शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत में 82 खंडपीठों के जरिए 60 हजार से ज्यादा मामलों की सुनवाई की गई। इस दौरान कई मामलों का समाधान हुआ, जिनमें एक महत्वपूर्ण मामला था 17 महीने से अलग रह रहे एक पति-पत्नी का, जिन्होंने लोक अदालत में समझाइश मिलने के बाद फिर से एक साथ रहने का फैसला लिया। विनय कुमार (26) और मंजू (22) का विवाह 25 मई को हुआ था, और उनका 18 महीने का एक बेटा भी है। विवाह के बाद, पत्नी ने सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताना शुरू कर दिया, जिससे घर के कामकाज में समस्याएं आईं। इसके परिणामस्वरूप, दोनों के बीच छोटी-छोटी बातों पर विवाद होने लगे और महिला के मायके वाले भी उसका समर्थन करने लगे। अंत में महिला ने पति पर हिंदू मैरिज एक्ट के तहत मामला दर्ज कर दिया, और वे अलग रहने लगे।
संपत्ति कर और जल शुल्क में छूट की घोषणा
यह मामला लोक अदालत में प्रस्तुत किया गया, जहां दोनों पक्षों की काउंसलिंग की गई और न्यायाधीश राकेश कुमार जैन ने नवजात बच्चे के भविष्य को ध्यान में रखते हुए दोनों को एक साथ रहने की सलाह दी। इस समझाइश के बाद, दोनों ने अपनी गलतियों का अहसास किया और पुनः एक साथ रहने का निर्णय लिया।
वित्तीय मामलों में भी दी राहत
इस तरह, लोक अदालत ने मामले का समाधान कर दिया। लोक अदालत के दौरान, इंदौर नगर निगम ने संपत्ति कर और जल कर से संबंधित मामलों में विशेष छूट का ऐलान भी किया। मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि जल कर के उन मामलों में जिनमें 10 हजार रुपये तक का बकाया है, 100% छूट दी जा रही है। वहीं, 10 हजार से अधिक और 50 हजार तक के बकाए वाले मामलों में 75% छूट, और 50 हजार से अधिक बकाए वालों को 50% छूट दी जा रही है। संपत्ति कर के मामलों में भी छूट दी जा रही है, जिनमें 50 हजार रुपये तक बकाया है, वहां 100% छूट, 50 हजार से 1 लाख तक के बकाए वालों को 50% छूट, और 1 लाख रुपये से अधिक बकाए वालों को 25% छूट मिल रही है। इस प्रकार, लोक अदालत ने न केवल व्यक्तिगत मामलों का समाधान किया, बल्कि नगर निगम से जुड़े वित्तीय मामलों में भी व्यापारियों और नागरिकों को राहत प्रदान की।