प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अनुच्छेद 370 और 35A के निरस्त होने की पांचवीं वर्षगांठ के मौके पर इसे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विकास और समृद्धि के नए युग की शुरुआत बताया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि यह कदम भारतीय संविधान को इन क्षेत्रों में पूरी तरह लागू करने का एक महत्वपूर्ण क्षण था और इससे महिलाओं, युवाओं, पिछड़े और हाशिए पर पड़े समुदायों को नए अवसर मिले हैं। साथ ही, इसने जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में भी मदद की है। मोदी ने आश्वस्त किया कि उनकी सरकार क्षेत्र की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए लगातार काम करती रहेगी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस अवसर पर टिप्पणी की, कहा कि अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को हटाने से हाशिए पर पड़े वर्गों के लिए सशक्तिकरण का एक नया युग शुरू हुआ है और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में लोकतंत्र को मजबूत किया गया है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जम्मू-कश्मीर के युवाओं ने सामाजिक और सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा दिया है, जिससे शांति और समग्र विकास को प्रोत्साहन मिला है।
वहीं, कांग्रेस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने इस दिन को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाया और जम्मू में विरोध रैलियां आयोजित कीं, जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा और विशेष दर्जा बहाल करने की मांग की। कांग्रेस के जम्मू-कश्मीर प्रमुख विकार रसूल वानी ने अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद क्षेत्र में आतंकवादी हमलों में वृद्धि को रोकने में असफल रहने के लिए भाजपा सरकार की आलोचना की।