आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बलात्कार और हत्या की शिकार डॉक्टर के पिता ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि वह अपनी बेटी के शव को संरक्षित करना चाहते थे लेकिन उन्हें उसका दाह संस्कार करने के लिए मजबूर किया गया। 31 वर्षीय महिला के परिवार और रिश्तेदार सरकारी अस्पताल के बाहर देर रात प्रदर्शन में शामिल हुए। अभिभावकों ने पुलिस पर पैसे की पेशकश करने का आरोप लगाया। डॉक्टर के पिता ने बताया कि जब वे उसके शव के साथ वापस लौटे तो 300-400 पुलिस वालों ने उन्हें घेर लिया।
उन्होंने दावा किया कि शव का अंतिम संस्कार करने के लिए दबाव बनाया गया, जबकि वह चाहते थे कि शव को संरक्षित किया जाए। हम घर लौटे और पाया कि करीब 300 पुलिसकर्मी बाहर खड़े थे। उन्होंने ऐसी स्थिति पैदा कर दी कि हमें उसका अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने दावा किया कि दाह संस्कार जल्दबाजी में किया गया और परिवार से इसके लिए भुगतान करने के लिए नहीं कहा गया।
पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर उनसे एक खाली कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि उन्होंने इसे फाड़ दिया। जब एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उन्हें पैसे देने की कोशिश की तो उन्होंने तदनुसार जवाब दिया। वहीं मृतक की चाची ने बताया कि जब बेटी का शव घर में माता-पिता के सामने पड़ा था और हम आंसू बहा रहे थे, पुलिस पैसे दे रही थी, क्या यही पुलिस की मानवता है? पुलिस कह रही थी कि उन्होंने अपनी सारी जिम्मेदारियां पूरी कर ली हैं, क्या इसे जिम्मेदारी निभाना कहते हैं?
गौरतलब है कि महिला 9 अगस्त की सुबह अस्पताल के सेमिनार हॉल के अंदर मृत पाई गई थी। उसके शव परीक्षण में पुष्टि हुई कि उसकी मौत यौन उत्पीड़न के बाद गला घोंटने से हुई थी।