नगर निगम के अपर आयुक्त राजस्व एस कृष्ण चैतन्य ने बताया कि पिछले वर्ष 2019 -20 के दौरान नगर निगम ने 555 करोड़ राजस्व वसूली की गई थी ।इस बार कोविड-के चलते अभी तक राजस्व वसूली 485 करोड़ ही हो पाई है। इनमें 295 करोड़ संपत्तिकर, 48 करोड़ जलकर, 38 करोड़ कचरा कलेक्शन 79 करोड़ बिल्डिंग परमिशन कालोनी सेल और 25 करोड़ रुपए की राशि मार्केट और स्पॉट फाइन आदि से प्राप्त हुई है । इस तरह पिछले वर्ष से नगर निगम को अब तक ₹70 करोड़ कम राशि प्राप्त हुई है। चैतन्य ने बताया कि वर्तमान में नगर निगम में 5 लाख 85 हजार संपत्ति कर के खाते दर्ज हैं जिनमें से 2 लाख 23 हजार लोगों ने ही संपत्ति कर जमा किया है। इस तरह सिर्फ 43% लोगों ने ही अपना संपत्ति कर चुकाया है।
उन्होंने बताया कि जल कर के शहर में 2 लाख 60 हजार खाते दर्ज है लेकिन इस वर्ष मात्र 83 हजार लोगों ने ही जलकर की राशि जमा की है। चैतन्य ने बताया कि इस बार लगभग 4 लाख लोगों ने कचरा कलेक्शन शुल्क जमा किया है। चैतन्य के अनुसार शहर के 32 – 33 वार्ड ऐसे हैं जहां जलकर और संपत्ति कर की राशि सबसे कम जमा हो रही है। चैतन्य ने कहा कि शहर के 25 से 30 परसेंट संपत्ति धारक ऐसे हैं जिन्होंने कभी भी निगम के कर जमा नहीं किया। चैतन्य ने कहा कि अगर नगर निगम सभी करदाताओं से कर वसूली कर ले तो यह राशि लगभग 1200 सौ करोड़ रुपए होगी। इस राशि से 1-2 वर्ष ही नगर निगम को चलाया जा सकता है। ऐसे में जरूरी है कि या तो लॉसेस कम किए जाएं या फिर टैक्स की बढ़ोतरी की जाए।