इंदौर के नयन शर्मा पिता ओम प्रकाश शर्मा निवासी स्कीम नं. 78, इंदौर जो की मूल रूप से हरियाणा के सोनीपत के निवासी है के द्वारा 2020 में फर्जी तरीके से सुतार जाति का प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया और 2021 में पिछड़ा वर्ग की विदेश अध्ययन योजना में चयनित होकर राज्य सरकार से 19 लाख रुपयों की स्कॉलरशिप हासिल कर ली।
यह जानकारी देते हुए आदिवासी सेवा संघ के संजय सिंगार ने बताया की उन्होंने नयन शर्मा के फर्जी जाति प्रमाण पत्र की SDM, जुनी इंदौर को शिकायत की थी उन्होंने जांच में नयन शर्मा को दोषी पाकर जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया. सिंगार ने खुलासा किया है की मध्य प्रदेश में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के पीछे अंतरराज्यीय गिरोह है, जिसमे 323 MG रोड, कन्नोद, जिला देवास निवासी द्वारका प्रसाद नायक हाल पिता राधेश्याम नायक हाल मुकाम – एस.-1, निवासी 149, रॉयल टावर, अशोका गार्डन , भोपाल, इंदौर की श्वेता जैन साजो कंसल्टेंसी का पति अंकुश जैन निवासी 127, LIG लिंक रोड, अनुराग नगर, इंदौर गेंग के संगठित अपराधियों द्वारा इंदौर समेत पुरे मध्य प्रदेश में सेंकडो पिछड़ा वर्ग, अजा तथा अजजा के फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर अपात्रो को विदेश अध्ययन स्कालरशिप दिलवा कर 25 करोड़ रूपये का घोटाला किया है। जो स्कालरशिप वास्तविक ओबीसी, अजा एवं ,अजजा को मिलना थी उसे पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं गुजरात के स्वर्ण समुदाय के अपात्रो को दिलवा दी।
इंदौर कलेक्टर कार्यालय में इस गिरोह के द्वारा पिछड़ा वर्ग, अजा तथा अजजा के जाति प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से अन्य राज्यों के सामान्य वर्ग के आवेदकों तथा मध्य प्रदेश के सामान्य वर्ग के आवेदकों को लम्बे समय से वितरित किये जा रहे है। ये लोग अपात्रो को विदेश अध्ययन योजना का लाभ देकर प्रति आवेदक 10 लाख रु. वसूलते थे। जिसके लिए मुख्यमंत्री से SIT जांच करके गिरोह के लोगो को गिरफ्तार करने की मांग की गई है। सिंगार ने बताया की नयन शर्मा एवं आयुषी शर्मा दोनों के विडियो वायरल हुए है जिसमे दोनों ने अपनी स्कालरशिप का श्रेय साजो कंसल्टेंसी इंदौर की श्वेता जैन एवं उसके पति अंकुश जैन को दिया है।
उल्लेखनीय है की इस गिरोह के द्वारा नयन शर्मा के अलावा शिशिर शर्मा निवासी रिंग रोड, आयुषी शर्मा निवासी हरसिद्धि, दर्शन सोनवाने निवासी इंदौर, कृतिका डोंगरे निवासी देवास नाका का फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर विदेश अध्ययन योजना में इन्हें 2 करोड़ रूपये का गलत आवंटन दिलाकर शासकीय धन एवं योजना को नुकसान पहुँचाया है।