प्रदेश में अगले 24 घंटे में भारी बारिश का अलर्ट, मौसम विभाग ने इन 15 जिलों में जारी की चेतावनी

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By Abhishek SinghPublished On: July 23, 2025

मध्य प्रदेश में एक बार फिर से बारिश का मजबूत सिस्टम सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग ने बुधवार को जबलपुर सहित 15 जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है। जिन क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया गया है, उनमें जबलपुर, श्योपुर, मुरैना, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सागर, दमोह, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडौरी और अनूपपुर शामिल हैं। इन जिलों में अगले 24 घंटों के भीतर करीब साढ़े चार इंच तक बारिश हो सकती है। अन्य हिस्सों में गरज-चमक, आंधी और हल्की बारिश की स्थिति बनी रहेगी। इससे पहले मंगलवार को भोपाल, इंदौर और टीकमगढ़ सहित 10 से अधिक जिलों में झमाझम बारिश देखने को मिली थी।

रात में हुई झमाझम बारिश

मंगलवार को प्रदेश की राजधानी भोपाल में दिनभर तेज धूप रही, लेकिन शाम चार बजे के बाद मौसम ने करवट ली और जोरदार बारिश शुरू हो गई, जिससे शहर भीग उठा। इसी तरह टीकमगढ़, नर्मदापुरम, सागर, इंदौर, छिंदवाड़ा, दमोह, उज्जैन, हरदा और शाजापुर में भी रुक-रुक कर बारिश होती रही। कई जिलों में रात के समय भी बारिश जारी रही, जिससे मौसम और अधिक सुहावना हो गया।

एक्टिव सिस्टम ने बढ़ाई बारिश की रफ्तार

मौसम विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने जानकारी दी कि इस समय मध्य प्रदेश में मानसून ट्रफ लाइन के साथ दो चक्रवाती परिसंचरण प्रणाली सक्रिय हैं। इसी कारण प्रदेश में बारिश का सिलसिला शुरू हुआ है। आगामी चार दिनों तक कुछ क्षेत्रों में भारी, तो कुछ जगहों पर अति भारी वर्षा की संभावना जताई गई है।

बरसात ने पार किया 21 इंच का आंकड़ा

मध्यप्रदेश में इस बार मानसून मेहरबान नजर आ रहा है। सीजन की शुरुआत से अब तक औसतन 21 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है, जबकि सामान्य तौर पर इस अवधि में 13.7 इंच बारिश का अनुमान था। यानी अब तक 7.3 इंच अधिक वर्षा हो चुकी है, जो औसत से 53% ज्यादा है। निवाड़ी, टीकमगढ़ और श्योपुर ऐसे जिले हैं जहां बारिश का वार्षिक कोटा पहले ही पूरा हो चुका है। इन क्षेत्रों में सामान्य से 15% अधिक बारिश दर्ज की गई है। वहीं ग्वालियर सहित पांच जिलों में भी हालात अच्छे हैं, जहां अब तक 80 से 95% तक बारिश हो चुकी है।

वहीं इंदौर और उज्जैन संभाग अब तक सबसे पीछे हैं। इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, बुरहानपुर और आगर-मालवा जिलों में अभी तक 10 इंच से भी कम वर्षा दर्ज की गई है।