विश्व की पहली वैदिक घड़ी उज्जैन में होगी स्थापित, वेधशाला पर टॉवर बना रही तकनीकी संस्था

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हिंदू नववर्ष पर उज्जैन स्थित वेधशाला परिसर में विश्व की पहली वैदिक घड़ी उज्जैन में बनाए जा रहे टॉवर पर स्थापित की जाएगी। लखनऊ में स्थित एक संस्था वेधशाला परिसर में विश्व की पहली वैदिक घड़ी तैयार की जा रही है।

जानकारी के अनुसार इस घड़ी को इंटरनेट और जीपीएस से जोड़ा जा रहा है, ताकि इसे कहीं भी उपयोग किया जा सके। वहीं इस घड़ी को मोबाइल और टीवी पर भी लगाया जा सकेगा। आपको जानकारी दे दें की आगामी 2 अप्रैल 2024 को इसका लोकार्पण हिंदू नववर्ष चैत्र प्रतिपदा के दिन किया जा रहा है।

सम्राट विक्रमादित्य शोधपीठ के निर्देशक द्वारा दी गई घड़ी की जानकारी के अनुसार घड़ी जो विक्रमादित्य शोधपीठ के संदर्भ में बन रही है, उसमें 24 घंटों को 30 मुहूर्तों में बांटा गया है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को भारतीय समय गणना से परिचित कराना है।

यह घड़ी नववर्ष चैत्र प्रतिपदा के दिन, अर्थात् 2 अप्रैल 2024 को लोकार्पण के लिए तैयार की जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस योजना से उज्जैन का प्राचीन गौरव वापस लौटेगा और दुनिया में इस नगरी का नाम फिर से उच्च स्थान पाएगा। निदेशक डॉ. श्रीराम तिवारी के मुताबिक इस वेधशाला में तैयार हो रहे टॉवर पर वैदिक घड़ी लगाने के साथ साथ इंदौर मार्ग पर स्थित नानाखेड़ा चौराहे पर भी एक समय स्तंभ बनाया जाना है। जानकारी के अनुसार इसके लिए मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए अपनी निधि से यह धनराशि दी है।