इंदौर। विश्व पर्यावरण दिवस केवल एक दिवस तक सीमित नहीं होना चाहिए। आज के समय में पर्यावरण की बिगड़ती हालत के कारण धरती मां वेटिंलेटर पर है। हमारे साथ नई पीढ़ी की जिम्मेदारी है कि उन्हें धरती की चिंता करना चाहिए। सोशल मीडिया और वाट्सएप की दुनिया से बाहर निकलकर युवाओं को पर्यावरण की दुर्दशा को बेहतर करने की जरूरत है। एसी कमरों में रहने वाले लोगों को खुली हवा में आकर एक बार इस पर्यावरण के लिए भी सोचना होगा। तभी हमारा 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाना सार्थक होगा। यह बात मुख्य वक्ता एवं अतिथि पद्मश्री जनक पलटा मगिलिगन ने विद्यार्थियों से कहीं।
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मालवांचल यूनिवर्सिटी द्वारा विश्व पर्यावरण सप्ताह मनाया गया। विश्व पर्यावरण सप्ताह में क्लीन,ग्रीन और वेस्ट फ्री कैम्पस की थीम पर 3 जून को विभिन्न कार्यक्रम की शुरुआत की गई। मालवांचल यूनिवर्सिटी कैम्पस में पौधारोपण और पर्यावरण पर फोटो प्रदर्शनी आयोजन किया गया। इस अवसर पर इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेश सिंह भदौरिया, मालवांचल यूनिवर्सिटी के कुलपति एन.के.त्रिपाठी, प्रो.वीसी डॉ.रामगुलाम राजदान,रजिस्ट्रार डॉ.एम क्रिस्टोफर,एडिशनल डायरेक्टर आर सी यादव, डीन डॉ.जीएस पटेल उपस्थित थे। कार्यक्रम आईआईडीएस असिस्टेंट डीन डॉ.दीप्ति सिंह हाड़ा और डॉ.पूनम तोमर राणा के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।
पर्यावरण हमारा कवच है
विशेष अतिथि डॉ.आयुषी देशमुख ने कहा कि केवल विश्व पर्यावरण दिवस नहीं हमें हर दिन पर्यावरण के लिए काम करना चाहिए। यूनिवर्सिटी,स्कूल और कॉलेज हर जगह हरियाली मौजूद रहे इसका ध्यान रखे क्योंकि पर्यावरण हमारा कवच है।पौधे लगाना उसे संभालना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। मालवांचल यूनिवर्सिटी में ग्रीन व क्लीन कैम्पस के लिए प्रथम वर्ष के छात्रों द्वारा वृक्षारोपण करने के साथ इनकी देखभाल करने की शपथ ली गई। कैंपस में प्रदूषण की कमी के लिए ई रिक्शा का प्रयोग शुरू किया गया। कैंपस मे ऊर्जा की बचत के लिए सौर ऊर्जा पैनल सभी बिल्डिंग पर लगाने के साथ वाटर हार्वेस्टिंग की भी शुरुआत होगी।संचालन वैदिक यादव,अंशुल सोनी, नंदनी ने किया। असिस्टेंट रजिस्ट्रार डॉ.धीरज शर्मा और डॉ.राजेन्द्र सिंह ने आभार व्यक्त किया।
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