कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसे का जिम्मेदार कौन? सरकार ने बढ़ाया मुआवजा, जानिए रेलवे ने क्या कहा

Deepak Meena
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Rail Accident : पश्चिम बंगाल में जलपाईगुड़ी के पास खड़ी कंचनजंगा एक्सप्रेस में पीछे से एक मालगाड़ी ने टक्कर मार दी। टक्कर लगने से कंचनजंगा एक्सप्रेस की कई बोगियां पटरी से उतर गईं। इस हादसे में अब तक नौ लोगों की मौत जबकि 36 के घायल होने की खबर है। हादसा किस तरह हुआ, क्या लापरवाहियां रहीं, ये वैसे तो विस्तृत जांच का विषय है लेकिन फिलहाल इसको लेकर रेलवे बोर्ड की चेयरमैन और सीईओ जया वर्मा सिन्हा ने कुछ बातें कहीं हैं।

रेलवे बोर्ड की चेयरमैन और CEO जय वर्मा ने 5 लोगों की मौत और 25 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। ये टक्कर सोमवार सुबह नौ बजे के आसपास उस समय हुई, जब 13174 कंचनजंगा एक्सप्रेस अगरतला से सियालदाह जा रही थी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव बागडोगरा एयरपोर्ट पहुंचे। मंत्री दार्जिलिंग जिले में कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना स्थल का दौरा करेंगे।

दिल्ली गोवाहाटी रूट पर कवच सिस्टम शुरू करने की योजना तो पहले से है लेकिन फिलहाल यह ऑपरेशनल नहीं था. यानी यह व्यवस्था काम अभी तक इस रूट पर लागू नहीं हो पाई है। कवच प्रणाली, यदि हादसे वाले रूट पर होती, तो शायद हादसे को टाला जा सकता था।रेलवे सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए कवच प्रणाली का तेजी से विस्तार महत्वपूर्ण है। मानवीय चूक को कम करने के लिए भी ठोस कदम उठाने होंगे।

रेलवे हादसों को रोकने के लिए अन्य उपायों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे के पीड़ितों के लिए घोषित राहत राशि बढ़ा दी है। गंभीर रूप से घायलों को ढाई लाख जबकि मामूली रूप से घायल हुए लोगों को पचास हजार रुपये की राहत राशि दी जाएगी।

कवच सिस्टम:
क्या है: स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली
कार्य: ट्रेनों के बीच टक्कर रोकता है
स्थिति: हादसे वाले रूट पर स्थापित नहीं था

रेलवे बोर्ड का कहना:
1,500 किलोमीटर रूट पर लागू
इस साल 3,000 किलोमीटर और बढ़ेगा
बंगाल भी इस साल कवच वाले रूट में शामिल होगा।