सर्दी के मौसम में बिस्तर पर गर्म राजाई और कम्बल में सोना सबसे ज्यादा सुकून से भरा होता है। सर्दी में सुबह-सुबह बिस्तर से उठने का मन नहीं करता और नींद भी बहुत आती है। सर्दियों के मौसम में ज्यादा नींद आना बेहद सामान्य बात है। हम में से ज्यादातर लोग सर्दियों के मौसम में इस समस्या से जूझते हैं। मगर हम कभी इस बात पर ध्यान नहीं देते है कि इसकी वजह क्या है?
सर्दियों में ज्यादा नींद आना यह मेलाटोनिन हार्मोन का खेल है। यह एक ऐसा हार्मोन है जो शरीर में पीनियल ग्लैंड से रिलीज होता है। ये हार्मोन नींद आने या ना आने का ज़िम्मेदार होता है। ऐसा माना जाता है कि नींद का कंट्रोल रोशनी और अंधेरे से है। जब भी दिमाग का पीनियल ग्लैंड हिस्सा रोशनी के संपर्क में आता है तो ये हार्मोन एक्टिव हो जाता है। जब सूर्यास्त होता है यानी अंधेरा धीरे-धीरे बढ़ने लगता है उस समय मेलाटोनिन का लेवल बढ़ने लगता है, जिसकी वजह से नींद आने लगती है। सुबह में जब सूर्य की रोशनी बढ़ने लगती है तो मेलाटोनिन लेवल भी घटने लगता है। जिसकी वजह से नींद खुल जाती है।
यही मुख्य कारण है, जिसकी वजह से सर्दी में ज्यादा और गर्मी में कम नींद आती है। क्यूंकि सर्दी के मौसम में अंधेरा देर तक रहता है, जिसकी वजह से औसतन सर्दी में 1-2 घंटे की नींद बढ़ जाती है।