आज मनुष्य भौतिक सुख-सुविधाओं को पाने की लालसा में कड़ी मेहनत करता और परिश्रम में डूबा रहता हैं। लेकिन कई बार व्यक्ति के द्वारा किए गए कठिन परिश्रम का फल नहीं मिलता हैं। इससे मनुष्य काफी हताश हो जाता है। ऐसे में कई बार व्यक्ति को ये कह दिया जाता है कि उसे अपने भाग्य का साथ नहीं मिल रहा हैं।
यहां आपको बता दें कि अंगूठी या छल्ला पहनना काफी सरल बात है लेकिन अलग-अलग धातुओं और रत्नों आदि से जुड़ी ये अंगूठियां हमारे जीवन पर अनेकों प्रकार के प्रभाव डालती हैं। ज्योतिष शास्त्र में इन धातुओं और रत्नों का नाता नवग्रहों से बताया गया है। इन ग्रहों को बैलेंस करने, ग्रहों से शुभ फल पाने के लिए ये रत्न और धातुएं पहन ने की राय दी जाती है। ये रत्न और अंगूठियां आदि विशेषज्ञ या किसी ज्ञानी पंडित की सलाह लेकर ही पहनना चाहिए, अन्यथा इनका विपरीत प्रभाव भी झेलना पड़ सकता हैं। आपको बता दें कि चांदी का छल्ला भी एक ऐसी महत्वपूर्ण चीज है जिसे पहनने के अनेकों फायदे हैं।
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शुक्र और चंद्रमा से है चांदी के छल्ले का संबंध
सोने-चांदी के गहने हमारी सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। इसी के साथ ही यह कुंडली के ग्रह-नक्षत्रों पर भी अच्छा और बुरा दोनों प्रभाव डालते हैं। जैसे- सोने का संबंध गुरु ग्रह से है। वहीं चांदी का नाता शुक्र और चंद्र ग्रह से है। ऐसा भी माना जाता है कि चांदी भगवान शिव के नेत्रों से प्रकट हुआ था इसलिए जहां चांदी होती है, वहां धन-वैभव और संपन्नता की कभी कमी नहीं होती है। वहीं कुछ राशि वालों के लिए तो चांदी के ऑर्नामेंट्स पहनना, व विधि-विधान के साथ दाहिने हाथ की छोटी उंगली में चांदी का छल्ला पहन ना काफी ज्यादा शुभ फल देता है।
चांदी का छल्ला पहनने का लाभ
जैसा कि हमने अभी आपको बताया की चांदी की अंगूठी को पुरे विधि-विधान से दाहिने हाथ की कनिष्ठा फिंगर यानी कि सबसे छोटी अंगुली में धारण करने से शुक्र ग्रह और चंद्रमा दोनों ही काफी शुभ शुभ परिणाम देते हैं। इससे जातक की खूबसूरती में और अधिक निखार आता है। मस्तिष्क शांत रहता है। क्रोध पर नियंत्रण रहता है। इसी के साथ धन, सुख-समृद्धि बढ़ती है, एवं शरीर में वात, कफ और पित्त तीनों समस्याओं का संतुलन बना रहता है। चांदी की अंगूठी नहीं पहन पा रहे हैं तो चांदी की चेन भी अभिमंत्रित करके पहन सकते हैं। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर खूब धन-दौलत देंगी।
यूं धारण करें चांदी का छल्ला
- चांदी का छल्ला बिना जोड़ का होना चाहिए, जिसे अंगूठे में पहना जाता है। बता दें कि महिलाओं को इसे बाएं हाथ में और पुरुषों को दाएं हाथ में धारण करना चाहिए। मान्यता है कि चांदी का छल्ला चंद्रमा का कारक है।
- मान्यता है कि चांदी का छल्ला धारण करने से सूर्य और शनि की स्थिति मजबूत होती है। साथ ही इससे भाग्य भी मजबूत होता है। इतना ही नहीं, चांदी के छल्ले से राहु ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है,और मन शांत रहता है।
- चांदी का छल्ला कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वालों के लिए अत्यंत ही शुभ माना गया है। वृषभ और तुला राशि के जातक भी चांदी का छल्ला पहन सकते हैं। वहीं मेष, सिंह और धनु राशि के जातकों को गलती से भी चांदी का छल्ला नहीं पहनना चाहिए