चिदंबरम की टिप्पणी पर उपराष्ट्रपति ने जताई नाराजगी, नए आपराधिक कानूनों पर की आलोचना

Share on:

भारत के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम द्वारा नए आपराधिक कानूनों पर की गई टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा कि यह ‘संसद सदस्यों के प्रति अत्यधिक अपमानजनक टिप्पणी’ है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि सरकार ने तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने में विधि आयोग को दरकिनार कर दिया। उन्होंने कहा कि विधि आयोग, जिसमें सेवानिवृत्त न्यायाधीश, कानूनी विशेषज्ञ, प्रोफेसर और स्थायी कानूनी कर्मचारी शामिल हैं, आम तौर पर बार काउंसिल के सदस्यों और अधिवक्ता संघों के साथ परामर्श करते हैं और संसद में पेश करने के लिए एक मसौदा तैयार करते हैं, उन्होंने कहा कि नए आपराधिक कानूनों के मसौदा तैयार करने वाले “अंशकालिक” हैं।

मेरे पास इस तरह की कहानी की निंदा करने के लिए पर्याप्त शब्द नहीं हैं। धनखड़ ने शनिवार को भारतीय अंतरिक्ष एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, “ये संसद सदस्यों के प्रति अपमानजनक, मानहानिकारक और बेहद अपमानजनक टिप्पणियां हैं।” उपराष्ट्रपति ने चिदंबरम से अपनी टिप्पणियां वापस लेने का भी आग्रह किया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि सरकार ने तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने में विधि आयोग को दरकिनार कर दिया

धनखड़ ने कहा, “यदि आप कुछ ऐसा कहते हैं जिस पर आपको विश्वास नहीं है, तो लोग आपके ऊंचे पद के कारण आप पर विश्वास करेंगे। जानकार लोग भी आपको गुमराह कर सकते हैं।” 1 जुलाई को लागू किए गए नए आपराधिक कानूनों पर चर्चा करते हुए धनखड़ ने कहा कि इनका उद्देश्य औपनिवेशिक कानूनों के विपरीत दंड पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय न्याय प्रदान करना है।