सूबे के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को 29 और विशेषज्ञ चिकित्सक मिल गये हैं। इन विशेषज्ञ चिकित्सकों की नवीन तैनाती का अनुमोदन स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दे दिया है। इसके साथ ही पी.एम.एच.एस. संवर्ग के इन चिकित्सकों को पी.जी. के उपरांत उनकी विशेषज्ञता के अनुरूप प्रदेश के विभिन्न चिकित्सा इकाईयों में रिक्त पदों के सापेक्ष तैनाती दे दी गई है। इन विशेषज्ञ चिकित्सकों के आने से दूरस्थ क्षेत्रों की स्वास्थ्य व्यवस्था और सुदृढ़ हो सकेगी।
प्रदेश के आमजन के लिये सुलभ और सस्ती स्वास्थ्य सेवा राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। सरकार चिकित्सा इकाईयों में लगातार चिकित्सा सुविधाएं बढ़ा रही है साथ ही चिकित्सक, पैरामेडिकल व अन्य मेडिकल स्टॉफ की भी उपलब्धता सुनिश्चित कर ही है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग को 29 और विशेषज्ञ चिकित्सक मिल गये हैं। पोस्ट ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम पूरा करने के उपरांत राज्य सेवा में लौटे इन विशेषज्ञ चिकित्सकों की नवीन तैनाती को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत अपनी मंजूरी दे दी है। पी.एम.एच.एस. संवर्ग के इन चिकित्सकों में स़्त्री रोग विशेषज्ञ, फिजिशियन, फेमिली मेडिसिन, बाल रोग विशेषज्ञ, सर्जन, निश्चेतक, पैथोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, ईएनटी और नेत्र रोग विशेषज्ञ शामिल है।

इन विशेषज्ञ चिकित्सकों को उनकी विशेषज्ञता के अनुरूप प्रदेश के दूरस्थ व दुर्गम क्षेत्रों के विभिन्न चिकित्सा इकाईयों में रिक्त पदों के सापेक्ष तैनाती दे दी गई है। जिसमें पौड़ी जनपद में 5 विशेषज्ञ चिकित्सकों को तैनाती दी गई है। इसी प्रकार उत्तरकाशी, हरिद्वार व चम्पावत जनपद में 4-4, नैनीताल, टिहरी व ऊधमसिंह नगर जनपद में 3-3 तथा रूद्रप्रयाग, चमोली और पिथौरागढ़ जनपद में 1-1 विशेषज्ञ चिकित्सक को तैनाती दी गई है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के आने से प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ होगी और आम लोगों को स्थानीय स्तर पर बेहतर उपचार मिल सकेगा। इसके अलावा गंभीर बीमारियों की सटीक पहचान भी आसानी से हो सकेगी। जिससे मरीजों को समय पर सही इलाज मिल सकेगा, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों में मृत्यु दर में भी कमी आयेगी। विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपस्थित से स्थानीय अस्पतालों का स्तर भी बेहतर होगा।