नितिनमोहन शर्मा
36 जिंदगियों की कब्रगाह बनी बावड़ी पर शहर में बवाल हो गया। घटना की चश्मदीद गवाह बावड़ी उस मलबे से दफन कर दी गई जो निर्माणाधीन मंदिर था। निर्माणाधीन मन्दिर उसी बिल्वेश्वर महादेव मन्दिर का हिस्सा था जहां हादसे का गवाह है। इसी मन्दिर में हवन पर आहुतिया चल रही थी और अकस्मात जमीन सरक गई तब पता चला नीचे 60 फीट गहरी बावड़ी हैं। 36 मारे गए। 18 बचाये गए। हादसे का कसूरवार कौन? इसकी जांच मुक्कमल होने के पहले ही बावड़ी जिंदा दफन कर दी गई। न केवल बावड़ी बल्कि वो आलीशान मन्दिर भी जमीदोंज कर दिया गया जहाँ पुराने मन्दिर की प्रतिमाओं की प्राणप्रतिष्ठा होना थी।नगर निगम और जिला प्रशासन ने कल्पना भी नही की होगी कि इस कार्रवाई का विरोध उन परिवारों से भी होगा जिन्होंने इस विभीषिका में अपने परिजनों को खो दिया।
मंगलवार को ये मुद्दा तूल पकड़ गया। सोशल मीडिया से चला विरोध दिन ढलने के बाद सड़क तक आ पहुंचा। अपनी ही सरकार के खिलाफ बजरंग दल ने मोर्चा खोलते हुए मधुमिलन चौराहे पर जाम लगा दिया। यहां मौजूद हनुमानजी मन्दिर के सामने अचानक बड़ी संख्या में बजरंगी पहुँचे और चलती सड़क पर जा बैठे। यहां बजरंगियों के तेवर काफ़ी उग्र थे और यहां खुलकर नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी हुई।
पुलिस प्रशासन मधुमिलन पर हिन्दू संगठनों से ठीक से निपट भी नही पाया था कि हिन्दरक्षक संगठन के संयोजक एकलव्य सिंह गौड़ ने भी भगवा ब्रिगेड के सुर में सुर मिलाते हुए कलेक्टर को पत्र लिख दिया जिसमें स्पष्ट किया कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर सिर्फ बहुसंख्यक वर्ग के देवस्थान पर ही कार्रवाई क्यो? गोड़ ने मजारों ओर दरगाहों का उल्लेख करते हुए उनके फोटो भी कलेक्टर को भेजे और उम्मीद की आने वाले दिनों में इन ओर भी प्रभावी रूप से कार्रवाई होगी।एकलव्य भाजपा की नगर इकाई में उपाध्यक्ष भी हैं। उन्होंने पत्र नगर निगम व महापौर पुष्यमित्र भार्गव को न भेजते हुए कलेक्टर को भेजा। इसकी प्रति भी संभागायुक्त को भेजी। उन्होंने अपना विरोध निगम से पहले सरकार के समक्ष दर्ज कर दिया।
बावड़ी हादसा जिस विधानसभा 3 में हुआ, वहां के विधायक आकाश विजयवर्गीय ने खुलकर तो इस मूददे पर मैदान नही पकड़ा लेकिन इशारों में साफ कर दिया कि वे ढहाए गए मन्दिर के स्थान पर फिर से शिव मंदिर के पक्ष में है क्योंकि पीड़ित परिवारों की ऐसी ही मंशा है। हिन्दू संगठनों में भी साफ कर दिया कि मन्दिर निर्माण के लिए पीड़ित परिवारों के संग आंदोलन किया जाएगा।
बजरंगी “कारसेवा” के लिए हुए थे जमा
मधुमिलन चौराहे पर जमा हुए बजरंगी पहले अपने अपने इलाको में इकट्ठा हुए। इनको तब बताया गया नही था कि आना कहा है? बाद में सबको मधुमिलन टॉकीज के सामने बने प्राचीन हनुमानजी मन्दिर आने को कहा गया। पलभर में ही सेकड़ो बजरंगी वहां जमा हो गए और सड़क पर बैठ गए। देखते ही देखते जाम लग गया। बजरंगियों के तेवर काफी उग्र थे। नतीजतन आसपास के थानों का पुलिस बल ही नहीं, वरिष्ठ अफसर भी मौके पर पहुंचे। बजरंगियों का नेतृव विहिप के मंत्री राजेश बिंजवे और बजरंग दल प्रमुख तन्नू शर्मा कर रहे थे। अफ़सरो ने इनसे बात करने की कोशिश की लेकिन इन्होंने दो टूक कहा दिया कि हम ढक्कनवाला कुँआ कारसेवा के लिए जाएंगे क्योकि हमने 24 घण्टे का अल्टीमेटम दिया था कि ढक्कनवाला कुँआ की दिखावटी कार्रवाई स्वीकार नही। इसे भी वैसे जमीदोंज करो जैसा हमारा मन्दिर तोड़ा। आधी रात तक यहां समझाइश का दौर चलता रहा।
एकलव्य-आकाश भी मुखर हुए, निगम पेशोपेश में
भाजपा के तेजतर्रार उपाध्यक्ष एकलव्य सिंह का कलेक्टर को पत्र लिखना सबको चौका गया। हालांकि उन्होंने ये पत्र हिन्दरक्षक संगठन के संयोजक के नाते लिखा लेकिन पत्र के तेवर साफ बता रहे थे कि एकलव्य भी हिन्दू मूददे पर कोई समझौते के पक्ष में नही। ऐसे समय जब सब चुप है और सड़क पर केवल हिन्दू संगठन ही निगम व जिला प्रशासन के फैसले का विरोध कर रहे है, तब उन्होंने कलेक्टर को पत्र लिखकर नगर निगम को बैकफुट पर कर दिया।
दूसरी तरफ मंगलवार को विधायक आकाश विजयवर्गीय भी मुखर हुए और उन्होंने तोड़े गए मन्दिर के फिर से बनाने की बात ये कहते हुए कही की हम शिव स्थान को सुना कैसे छोड़ सकते हैं। पार्टी के इन दो युवा नेताओ की मुखरता ने फ़िलहाल तो निगम के सामने पेशोपेश की स्थिति पैदा कर दी है।