इंदौर में होगा स्वामी विवेकानंद की भव्य प्रतिमा का निर्माण, सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन का बनेगा केंद्र, CM करेंगे भूमिपूजन

इंदौर के सिरपुर स्थित देवी अहिल्या सरोवर उद्यान में स्वामी विवेकानंद की 52 फीट ऊंची विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाएगी, जो उनकी शिक्षा और दर्शन को फैलाने का महत्वपूर्ण माध्यम बनेगी। इस ऐतिहासिक परियोजना का भूमि पूजन रविवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा किया जाएगा।

Abhishek Singh
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इंदौर के सिरपुर स्थित देवी अहिल्या सरोवर उद्यान में स्वामी विवेकानंद की 52 फीट ऊंची विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाएगी। यह भव्य प्रतिमा स्वामी विवेकानंद की शिक्षा और दर्शन को व्यापक रूप से फैलाने का महत्वपूर्ण माध्यम बनेगी। महापुरुषों के जीवन और विचारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से इंदौर नगर यह ऐतिहासिक कदम उठा रहा है। इस प्रतिमा का भूमि पूजन रविवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा किया जाएगा।

मुख्यमंत्री करेंगे ऐतिहासिक परियोजना का भूमिपूजन

इस ऐतिहासिक परियोजना का भूमिपूजन रविवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा किया जाएगा। यह आयोजन इंदौरवासियों के लिए गर्व और उत्साह का क्षण होगा, जिसमें शहर के सभी जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग उपस्थित होंगे। इंदौर नगर निगम का यह प्रयास केवल एक प्रतिमा की स्थापना नहीं है, बल्कि यह भारत के सांस्कृतिक मूल्यों और स्वामी विवेकानंदजी की धरोहर को संजोने के दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना न केवल इंदौर, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

भव्य प्रतिमा की प्रमुख विशेषताएँ

इस प्रतिमा की ऊंचाई 39.6 फीट होगी, जबकि संरचनात्मक आधार के साथ इसकी कुल ऊंचाई करीब 52 फीट तक पहुंचेगी। इसका वजन लगभग 14 टन होगा। यह प्रतिमा विभिन्न धातुओं से बनाई जाएगी, जो जलवायु प्रतिरोधी और दीर्घकालीन स्थायित्व के लिए उपयुक्त होंगी। वर्तमान में, विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा 35 फीट ऊंची है, जो कर्नाटक के उडुपी में स्थित है। इंदौर में स्थापित की जाने वाली इस प्रतिमा को प्रसिद्ध मूर्तिकार नरेश कुमावत द्वारा तैयार किया जाएगा।

नरेश कुमावत ने देश भर में कई प्रसिद्ध मूर्तियाँ बनाई हैं। प्रतिमा स्थल पर स्वामी विवेकानंद के जीवन और उनके विचारों पर आधारित एक विशेष गैलरी भी स्थापित की जाएगी, जहां चित्रों, दस्तावेजों और डिजिटल सामग्री के माध्यम से युवाओं को प्रेरणा दी जाएगी। यह स्थल इंदौर के लिए न केवल एक नई पहचान, बल्कि सांस्कृतिक गौरव और पर्यटन के विकास का केंद्र भी बनेगा।

स्वामी विवेकानंद के विचारों का प्रचार

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि यह प्रतिमा युवाओं को स्वामी विवेकानंद के विचारों से अवगत कराने के साथ-साथ उन्हें उनके आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित भी करेगी। स्वामी विवेकानंद के सिद्धांत आज के समय में बेहद प्रासंगिक हैं, और यह स्मारक उनके विचारों को एक स्थायी और प्रभावी रूप में संरक्षित करेगा।