Kinnar Holi 2025 : देशभर में होली का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। रंगों के इस त्यौहार को सिर्फ हिंदू ही नहीं बल्कि अलग-अलग समाज और प्रांतो के लोगों द्वारा भी विभिन्न प्रकार से मनाया जाता है। इस साल होली का त्यौहार 14 मार्च के दिन मनाया जाने वाला है। इसे धुलेंडी के नाम से भी जाना जाता है। रंगों के इस त्यौहार में लोग एक दूसरे को अबीर गुलाल लगा कर रंगते हैं साथ ही मौज मस्ती कर इस त्यौहार की रौनक को दुगुना कर देते हैं। आज हम आपको किन्नर होली के बारे में बताने जा रहे हैं। आज तक आप सोचते होंगे की किन्नर किस तरह से होली के त्यौहार को मानते हैं तो आज हम आपके इस सवाल का जवाब देने जा रहे हैं तो चलिए जानते हैं विस्तार से –
बेहद खास होती है किन्नर होली
आपको बता दें, किन्नारों की होली भी बहुत खास होती है। अलग-अलग रीति निभा कर किन्नर समाज रोचक तरीके से होली के त्यौहार को सेलिब्रेट करते हैं। अलग-अलग जगह पर किन्नर समाज की गैर भी निकल जाती है जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल होकर होली के त्यौहार की शान को बढ़ा देते हैं। आपको बता दें किन्नरों की होली बेहद खास होने के साथ-साथ सुंदर और दिव्या होती है। इतना ही नहीं जहां जाने से लोग डरते हैं वहीं ये लोग होली के त्यौहार को मनाते हैं।

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शमशान में मनाते हैं होली
जी हां, किन्नर शमशानघाट में धूमधाम से होली का त्यौहार मनाते हैं। किन्नरों का मानना है कि शमशान घाट में भगवान शिव निवास करते हैं और जैसा कि आप सभी जानते हैं किन्नर भगवान शिव के सबसे बड़े भक्त माने जाते हैं। इसी वजह से किन्नर समाज के लोग शमशान घाट में होली खेलते हैं। होली के दिन किन्नर समाज के लोग शमशान घाट पहुंचते हैं और अपनी इष्ट देवी गोचर मां के चरणों में अबीर गुलाल लगाते हैं।
वहीं बाद में भगवान शिव के चरणों में फूल अर्पित कर शमशान की राख से ही होली खेलते हैं। श्मशान घाट में होली किन्नर इसलिए खेलते हैं क्योंकि शमशान घाट भी किसी मनुष्य का असली घर है इसलिए वहां की राख और अबीर-गुलाल से होली खेली जाती है। शमशान घाट से वापस आने के बाद किन्नर अपने घर में अपने परिजनों के साथ नाचते गाते होली खेलते हैं।
इन जगहों पर भी होती है किन्नर होली की धूम
शमशान के अलावा इस त्यौहार को धूमधाम से मनाने के लिए किन्नर समाज ब्रज की ओर होली से पहले ही निकल पड़ता है। सबसे ज्यादा किन्नरों की होली मथुरा, वृंदावन, बरसाना, गोकुल और ब्रज में देखने को मिलती है। कहा जाता है जो भी व्यक्ति किन्नरों की रीतियों को देख लेता है तो उसके जीवन में खुशियों का भंडार भर जाता है। किन्नर रीतियों को देखना शुभ साबित होता है।