आज सोमवार, माघ कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि (Tithi) है।
आज हस्त नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)
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-कल 25 जनवरी मङ्गलवार को अष्टका श्राद्ध तिथि है।
-पौष, माघ, फाल्गुन और चैत्र की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अष्टका कहते हैं।
-मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा के बाद जो चार कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि आती है, उन्हें अष्टका कहते हैं।
-कल की अष्टका श्राद्ध तिथि का नाम वैश्वीदेवी है।
-“अष्टका संस्कार” कर्म है। अतः एक ही बार किया जाता है, प्रतिवर्ष नहीं। उस दिन मातृ पूजा और आभ्युदयिक श्राद्ध के पश्चात गृह्याग्नि में होम किया जाता है।
-अष्टका तिथियों में गयाजी में माता के लिए पृथक श्राद्ध करने का विधान है।
-अन्य तीर्थों में स्त्री का श्राद्ध उसके पति के श्राद्ध के साथ ही होता है।
-सभी पितर आशा रखते हैं कि जो पुत्र गया जी जाएगा, वह हमारा उद्धार कर देगा।
-पुत्र के गयाजी जाने के लिए घर से चलते ही पग – पग पर पितरों के लिए स्वर्ग में जाने की सीढ़ी बनने लगती है।
-पुत्र को गयाजी में पहुॅंचा हुआ देखकर पितरों के यहॉं उत्सव होने लगता है।
-आज रामानन्दाचार्य जयन्ती है।
-आज तिथि के अनुसार विवेकानन्द जयन्ती है।
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