इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण शनिचरी अमावस्या के दिन लगने वाला है। ऐसे में इस ग्रहण का भारत में सूतक पातक दोष मान्य नहीं होगा। बताया जा रहा है कि शनि की साढ़ेसाती, शनि की ढैया, महादशा अंतर्दशा से पीड़ित जातकों को इस दिन उपाय करने से राहत मिलेगी।
बताया जा रहा है कि अभी कुछ दिन पहले ही सबसे लंबी अवधि वाला चंद्र ग्रहण लगा था। जिसके बाद अब 4 दिसंबर को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। ये साल का आखिरी ग्रहण है। खास बात ये है कि इस सूर्य ग्रहण के समय शनिचरी अमावस्या का संयोग होगा।
ज्योतिषों के मुताबिक, सूर्य ग्रहण विक्रम संवत 2078 मार्गशीर्ष मास शनिचरी अमावस्या को लग रहा है। ऐसे में वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र तथा जेष्ठा नक्षत्र में सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। बता दे, अमावस्या तिथि का प्रारंभ 3 दिसंबर दोपहर 4:55 से होगा और ये शनिवार को दोपहर 1:12 तक रहेगा।
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ऐसे में जिन भी लोगों की राशि में शनि की साढ़ेसाती, शनि की ढैया, शनि की महादशा या अंतर्दशा विपरीत चल रही है। वह शनिचरी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ और शमी के पेड़ की पूजा करें साथ ही दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ करें। बताया जा रहा है कि इस दिन लोगों को सरसों के तेल का दान करना चाहिए।
सूर्य ग्रहण –
सूर्य ग्रहण का समय 4 दिसंबर दिन शनिवार प्रातः 10:59 से लेकर दोपहर 3:07 तक रहेगा।
इन जगहों पर दिखेगा ग्रहण –
ये सूर्य ग्रहण भारत के किसी भी स्थान पर दिखाई नहीं देगा। लेकिन आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, मोरोसिस में इस ग्रहण को देखा जा सकेगा।