2022 Kalashtami : हिंदू मान्यताओं के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी (Kalashtami) मनाई जाती है। इस बार यह अष्टमी 23 फरवरी (February 23) को मनाई जाएगी। कहा जाता है काल भैरव (Kaal Bhairav) काे भगवान शिव का रूद्र रुप बताया गया है। इसलिए कालाष्टमी का दिन बहुत ही खास माना जाता है। ज्योतिषों के अनुसार, भगवान काल भैरव को दंडापणि कहा जाता है। दरअसल, काल भैरव दयालु, कल्याण करने वाले और अतिशीघ्र प्रसन्न होने वाले देव माने जाते हैं।
इसके अलावा इस दिन कई तंत्र मंत्र सीखने वाले साधकों की सिद्धि होती है। अष्टमी की रात को कई तांत्रिक साधक तंत्र मंत्र करते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन भैरव बाबा की पूजा करने से सारी परेशानियां दूर हो जाती है। वहीं सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं। साथ ही ये भी कहा जाता है कि कालभैरव की पूजा करने से भक्त अपने सभी ‘शनि’ और ‘राहु’ दोषों को समाप्त कर सकते हैं।
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ऐसे में इस दिन भगवान भैरव की पूजा अवश्य करें। खास बात ये है कि कालभैरव भगवान का पूजन रात के समय में करना चाहिए। कामनाएं पूर्ण होती है। काल भैरव का नाम उच्चारण, मंत्र, जाप, स्त्रोत, आरती, इत्यादि का फल तत्काल मिलता है। बजरंग बली के बाद काल भैरव की पूजा उपासना ही तत्काल प्रभाव को देने वाली बताई गई है। भगवान काल भैरव को दंडावती भी कहा जाता है। कहा जाता है कि देवी के 52 शक्तिपीठों की रक्षा भी काल भैरव अपने 52 स्वरूपों में करते हैं। चलिए जानते हैं कालाष्टमी की तिथि के बारे में…
कालाष्टमी तिथि
अष्टमी तिथि प्रारंभ: 23 फरवरी, बुधवार, सायं 04:56 बजे
अष्टमी तिथि समाप्त: 24 फरवरी, गुरुवार, दोपहर 03:03 बजे
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