बैंकों के निजीकरण(privatization of banks) को लेकर सरकार के विरोध में अब यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (UFBU) ने 16 और 17 दिसम्बर को देशव्यापी हड़ताल(strike) करने की घोषणा की हैं। साथ ही ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन (AIBOC) के महासचिव संजय दास ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार बैंकों के निजीकरण के विचार को नहीं छोड़ती है, तो दो दिवसीय हड़ताल के अलावा अन्य आंदोलनकारी कार्यक्रमों की एक श्रृंखला भी आयोजित की जा सकती हैं।
आपको बता दे कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 2021 में दिए बजट भाषण में कहा था कि चालू वित्त वर्ष के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों का निजीकरण किया जाएगा।
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एक रिपोर्ट के हवाले से ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन (AIBOC) के जनरल सेक्रेटरी संजय दास का साफ साफ कहना है कि सरकारी बैंकों के निजीकरण से अर्थव्यवस्था के प्राथमिक क्षेत्र(Priority Sectors) को भारी नुकसान उठाना होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि सेल्फ हेल्प ग्रुप्स और ग्रामीण इकॉनमी से जुड़ा हुआ क्रेडिट फ्लो (credit flow) भी एकदम बिगड़ सकता हैं।
इस हड़ताल पर सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने कहा है कि हड़ताल का असर बैंक के कामकाज पर भी पड़ सकता हैं। हालांकि SBI ने हड़ताल के दौरान सभी शाखाओं में सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था की बात की हैं।