मध्य प्रदेश में मानसून धीरे-धीरे विदा ले रहा है। हाल के दिनों में राज्य के पूर्वी हिस्से में हल्की बारिश होने की संभावना है, जबकि अन्य क्षेत्रों में बारिश की कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है। मौसम विभाग के अनुसार, आंशिक बादल छाए रहेंगे। बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में एक चक्रवात बनने की संभावना जताई जा रही है, साथ ही बंगाल की खाड़ी में भी एक मानसूनी सिस्टम विकसित हो सकता है, जिससे मौसम में कुछ बदलाव संभव है। श्योपुरकलां, मुरैना, शिवपुरी, भिंड, दतिया और ग्वालियर से मानसून पूरी तरह विदा हो चुका है।
प्रदेश में मौसम का मिजाज
मौसम में बदलाव के साथ, भोपाल, सीहोर, रायसेन और खंडवा सहित कई जिलों में पिछले दो दिनों से बारिश नहीं हुई है। बारिश रुकने के कारण गर्मी का प्रकोप बढ़ गया है, जिससे लोग परेशान हैं। खंडवा में तापमान में वृद्धि देखी गई है, जो पिछले दो दिनों में 31.5 डिग्री सेल्सियस से बढ़कर 33.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया है। हालांकि, 3 अक्टूबर को मौसम साफ रहने की उम्मीद है। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में मौसम में बदलाव आएगा, जिससे गर्मी से राहत मिलेगी। 10 अक्टूबर को मानसून की विदाई की संभावना जताई गई है।
कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी की संभावना
मध्य प्रदेश में बारिश का सिलसिला थम चुका है, लेकिन कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग ने खरगोन, बड़वानी, झाबुआ, अलीराजपुर और धार में बूंदाबांदी की उम्मीद जताई है। अन्य क्षेत्रों में मौसम साफ रहने की उम्मीद है, जिससे लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी। बुधवार को 24 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया था, जिनमें बैतूल, सीहोर, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, धार, इंदौर, उज्जैन, रतलाम शामिल हैं।
पिछले तापमान के आंकड़े
मौसम विभाग के अनुसार, 2 अक्टूबर को ग्वालियर और खजुराहो में सबसे अधिक तापमान रिकॉर्ड किया गया, जो 36.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया। मानसून अब जूनागढ़, लखीमपुर खीरी, सुरेंद्र नगर, शिवपुरी, दीसा, कोटा और उदयपुर के रास्ते वापस जा रहा है, और कुछ ही दिनों में मध्य प्रदेश से पूरी तरह विदा हो जाएगा।
बारिश रुकने से किसानों को राहत
बारिश के रुकने से किसानों में राहत की लहर है। उन्हें अब अपनी फसलों के लिए बेहतर हालात देखने का मौका मिल रहा है। सोयाबीन की फसल को लेकर किसानों की चिंताएँ कम हो गई हैं, क्योंकि लगातार बारिश से उनकी खरीफ फसल को नुकसान हो रहा था। अब मौसम ने उनके पक्ष में करवट ले ली है, और किसान अपनी फसलों की देखभाल में जुट गए हैं। वे उम्मीद कर रहे हैं कि अच्छे मौसम के चलते उनकी मेहनत रंग लाएगी।