हवा के ऊपरी स्तर पर बने चक्रवात के कारण उत्तरी मध्य प्रदेश में शुक्रवार से वर्षा की गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है। उत्तरी मध्य महाराष्ट्र पर स्थित यह मौसम प्रणाली मध्य प्रदेश की दिशा में बढ़ रही है और इसे अरब सागर से नमी प्राप्त हो रही है। इस वजह से पूरे प्रदेश में अगले दो-तीन दिनों तक बारिश हो सकती है।
प्रदेश में मौसम का मिजाज
विशेष रूप से इंदौर, उज्जैन, सागर, रीवा और ग्वालियर में तेज बारिश की संभावना जताई गई है। हालांकि, राजधानी भोपाल में वर्षा की गतिविधियाँ अपेक्षाकृत कम रहने की संभावना है, लेकिन आसमान में आंशिक बादल छाए रहेंगे।
मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला के अनुसार, अगले 24 घंटों के दौरान विशेषकर उत्तरी मध्य प्रदेश में बारिश की गतिविधियों में वृद्धि देखने को मिलेगी। गुरुवार को भी उत्तरी मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में जोरदार बारिश हुई। भोपाल में, दिन में धूप निकली, लेकिन दोपहर में कहीं-कहीं बारिश भी हुई।
इन जिलों में तेज बारिश का अलर्ट
गुरुवार को भोपाल का अधिकतम तापमान 33.5 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1.2 डिग्री अधिक था। न्यूनतम तापमान 24.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 2.5 डिग्री अधिक था। प्रदेश में सबसे अधिक तापमान आगर मालवा में 36.3 डिग्री रिकॉर्ड किया गया, जबकि धार में सबसे कम तापमान 20.2 डिग्री सेल्सियस था।
मध्य प्रदेश में मानसून अब अपने अंतिम चरण में है, और इसकी विदाई की तिथि भी तय हो चुकी है। बंगाल की खाड़ी में बने मौसमी सिस्टम ने 25 सितंबर से मध्य प्रदेश में झमाझम बारिश शुरू कर दी है। यह सिस्टम राजस्थान के साथ-साथ मध्य प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों में भी बारिश करवा सकता है, जिससे गुना, सीधी, सिंगरौली, मंडला, शहडोल, ग्वालियर, शिवपुरी और शाजापुर जिलों में बारिश की संभावना है।
इन जिलों में बारिश के आसार
मौसम वैज्ञानिकों ने ग्वालियर-चंबल अंचल और जबलपुर संभाग में भारी बारिश की संभावना जताई है, जिसके चलते 15 जिलों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में ग्वालियर, भिंड, मुरैना, सतना, रीवा, विदिशा, जबलपुर और भोपाल शामिल हैं। इस प्रकार, मध्य प्रदेश में बारिश का यह सिलसिला मौसम की गतिविधियों को सक्रिय बनाए हुए है और आगामी दिनों में स्थिति में और बदलाव की संभावना बनी हुई है।