इंदौर (Indore News) : आयुक्त सुश्री प्रतिभा पाल द्वारा आदेश जारी करते हुए, झोन 14 में पदस्थ बिल कलेक्टर महेन्द्र परमार द्वारा निगम को वित्तीय/आर्थिक क्षति पहुचाने व लक्ष्यानुरूप वसूली नहीं की जाने से तथा कार्य में रुची नहीं लेने पर महेन्द्र परमार (मूलपद क्लर्क) की निगम सेवाऐं तत्काल प्रभाव से समाप्त की गई। विदित हो कि महेन्द्र परमार द्वारा झोन कं. 14 में पदस्थ रहने के दौरान डिप्टी डायरेक्टर लोकल फण्ड आर्डिट नगर पालिक निगम इन्दौर के पत्र कं. आर.डी.डी. / न.नि./ 170 दिनांक 22/02/2017 के अनुसार दिनांक 05/07/2016 की कुल नगद आय, 2,81,042 / थी।
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किन्तु बैंक स्टेटमेंट में जमा का मिलान करने पर केवल 34,552 /- ही जमा होना पाया गया था तथा शेष राशि रुपये 2,46,490/- कम जमा करने राशि का प्रभक्षण किया जाने निगम को आर्थिक क्षति पहुंचाने के कृत्य के लिए म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 14 के प्रावधानान्तर्गत विभागीय जांच संस्थित की जाने का निर्णय लिया जाकर श्रीमती लता अग्रवाल उपायुक्त नगर पालिक निगम, इन्दौर को जांच अधिकारी नियुक्त किया जाने से जांच अधिकारी द्वारा नियमानुसार जांच पूर्ण कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
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जांच निष्कर्ष में अपचारी कर्मचारी के आरोप प्रमाणित पाये जाने से विभागीय जांच नियमान्तर्गत अपचारी कर्मचारी को उपलब्ध कराई जाकर 07 दिवस में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये थे। महेन्द्र परमार द्वारा संतोषजनक जवाब प्रस्तुत नही करने तथा आरोप प्रमाणित होने पर आयुक्त द्वारा महेन्द्र परमार की निगम सेवाऐं तत्काल प्रभाव से समाप्त करने के आदेश जारी किये गये।