इस नायक के जज़्बे को अब भी सलाम नहीं करेंगे ?
श्रवण गर्ग
एक लंबी चलने वाली लड़ाई के पहले दौर को अकेले आदमी ने आज जीतकर दिखा दिया है ! क्या आप अब भी इस तिरपन साल के ‘नौजवान’ को कोई बधाई या शाबाशी नहीं देना चाहेंगे ? उसकी हिम्मत की दाद नहीं देंगे ? उसकी तरफ़ एक बार भी जी भरकर नहीं…