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shravan garg

इस नायक के जज़्बे को अब भी सलाम नहीं करेंगे ?

श्रवण गर्ग एक लंबी चलने वाली लड़ाई के पहले दौर को अकेले आदमी ने आज जीतकर दिखा दिया है ! क्या आप अब भी इस तिरपन साल के ‘नौजवान’ को कोई बधाई या शाबाशी नहीं देना चाहेंगे ? उसकी हिम्मत की दाद नहीं देंगे ? उसकी तरफ़ एक बार भी जी भरकर नहीं…

क्या कर्नाटक में ‘केरला स्टोरी’ की अफवाह हारेगी नहीं ?

श्रवण गर्गकर्नाटक के परिणामों की नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के अलावा जो एक तीसरा व्यक्ति सबसे ज़्यादा प्रतीक्षा कर रहा होगा उसका नाम सुधीर मिश्रा हो सकता है ! इस व्यक्ति को अपनी फ़िल्म ‘अफ़वाह’ की सफलता/असफलता से ज़्यादा चिंता शायद इस…

नागरिकों का सैन्यकरण या सेना का नागरिकीकरण ?

श्रवण गर्गतीन साल पहले (2019)लगभग इन्हीं दिनों, मीडिया के कुछ क्षेत्रों में सावधानीपूर्वक तैयार की गई एक महत्वपूर्ण खबर जारी हुई थी जिसके तथ्यों के बारे में बाद में ज़्यादा पता नहीं चला। खबर यह थी कि आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ)…

टूटती हुई कांग्रेस भारत को जोड़ना चाहती है !

श्रवण गर्गजिस कांग्रेस के साथ देश और दुनिया का सबसे महान गुजराती अपनी कोमल छाती पर एक हिंदू राष्ट्रवादी हत्यारे की गोलियाँ झेलने के बाद भी अपनी अंतिम साँस तक जुड़ा रहा उसे धता बताते हुए अट्ठाईस साल के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने आरोप…

यादों की गुल्लक हाथों में थामे बजाते रहे श्रवण गर्ग

कीर्ति राणापत्रकारिता जगत में श्रवण गर्ग (Shravan Garg) का नाम देश-दुनिया में जाना-पहचाना है। उम्र के 75 वें पड़ाव में से उनकी आधी सदी तो पत्रकारिता और लेखन को समर्पित रही है। वो कवि और फोटोग्राफर भी उतने ही अच्छे हैं।उम्र के 75 वें…

जनता की चिट्ठी ही तुड़वा सकती है पीएम की चुप्पी !

श्रवण गर्गदेश में चल रही धार्मिक हिंसा और नफ़रत की राजनीति के ख़िलाफ़ कुछ सेवा-निवृत्त नौकरशाहों और अन्य जानी-मानी हस्तियों के द्वारा प्रधानमंत्री के नाम खुली चिट्ठी लिखकर उनसे अपील की गई है कि वे अपनी चुप्पी तोड़कर तुरंत हस्तक्षेप करें…

कांग्रेस और प्रशांत किशोर के बीच बातचीत क्यों टूटी ?

श्रवण गर्गकांग्रेस प्रशांत किशोर (पीके) की समस्या से आज़ाद हो गई है। पार्टी ने तय किया है कि अपना घर ठीक करने के किए उसे किसी भी बाहरी विशेषज्ञ की ज़रूरत नहीं है। उसके पास अपने ही अनुभवी नेताओं की बड़ी फ़ौज है। प्रशांत एपिसोड के…

मुसलमानों के अधिकारों की लड़ाई क्या हिंदू लड़ेगा ?

श्रवण गर्गहुकूमत अगर बहुसंख्यक वर्ग के कट्टरपंथी दंगाइयों के साथ खड़ी नज़र आती हो तो लोकतंत्र और अल्पसंख्यकों की रक्षा की ज़िम्मेदारी किसे निभानी चाहिए ? असग़र वजाहत एक जाने-माने उपन्यासकार, नाटककार और कहानीकार हैं। उनके प्रसिद्ध नाटक…

इन हिंसक भीड़ों पर नियंत्रण ज़रूरी हो गया है !

श्रवण गर्गधर्म की रक्षा के नाम पर हिंसक भीड़ों के जो समूह सड़कों पर लगातार बढ़ते जा रहे हैं उन पर नियंत्रण क़ायम करने का क्षण आ पहुँचा है।इस काम में जितना ज़्यादा विलम्ब होगा स्थिति उतनी ही विस्फोटक होती जाएगी। जो चल रहा है उसे देखते…

ये विभाजन की विभीषिका के ‘क्लाशनिकोव’ क्षण हैं!

-श्रवण गर्गऐसा मान लेना ठीक नहीं होगा कि लगभग 183 अरब रुपए की हैसियत वाली मुंबई की फ़िल्म इंडस्ट्री में जो कुछ बड़े लोग इस वक्त डरे हुए हैं उनमें आमिर खान भी एक हो सकते हैं। वैसे लोगों की जानकारी में है कि फ़िल्म ‘पीके’ में अपने न्यूड…