Religion News platform Indore
जानिए कैसे जीवित है लोक परंपरा, स्मृति के संकल्प के कारण रोज गाए जाते है संजा बाई के गीत
शायद ही मालवा की कोई बेटी होगी जिसने संजा नहीं मांडी होगी..दीवार पर पीली मिट्टी लीप कर गोबर से तिथि के हिसाब से आकृति बना उस पर या तो रंग-बिरंगे