Jayram Shukl Article

न हो कमीज तो पांवो से पेट ढक लेंगे

न हो कमीज तो पांवो से पेट ढक लेंगे

By Suruchi ChircteyOctober 28, 2022

जयराम शुक्ल लोकभाषा के बडे़ कवि कालिका त्रिपाठी ने कभी रिमही में एक लघुकथा सुनाई थी। कथा कुछ ऐसी थी कि..दशहरे के दिन ननद और भौजाई एक खेत में घसियारी

राष्ट्रीय प्रथम, यही हमारा धर्म – जयराम शुक्ल

राष्ट्रीय प्रथम, यही हमारा धर्म – जयराम शुक्ल

By Pinal PatidarAugust 15, 2022

खानवा के युद्ध में राणा सांगा के हमलों से पस्त बाबर ने अपने जासूसों को आदेश दिया कि यह पता लगाकर बताएं कि दुश्मन (राणा सांगा) की फौज की कमजोर

हकीकत और अफसाने के बीच ‘मेयर की चेयर’

हकीकत और अफसाने के बीच ‘मेयर की चेयर’

By Suruchi ChircteyJune 16, 2022

जयराम शुक्ल राजनीति का मूल चरित्र और आत्मा एक ही होती है, वह राजनीतिक दलों के रूप में सिर्फ चोला ग्रहण करती है। दिलचस्प यह कि इस बार महापौर के

अपन के गुरदेव तो बजरंगी हैं!

अपन के गुरदेव तो बजरंगी हैं!

By Suruchi ChircteyApril 16, 2022

जयराम शुक्ल रामकथा की पोथी-पोथन्ना रचने वाले गोस्वामीजी के लिए बजरंगबली देवता, ईश्वर नहीं, बल्कि गुरु हैं। तो उन्हीं की देखादेखी अपन ने भी बजरंगबली को गुरुदेव मान लिया। वास्तव

क्या पत्रकारिता वाकई  ‘पेन प्रस्टीट्यूट’ बन गई

क्या पत्रकारिता वाकई ‘पेन प्रस्टीट्यूट’ बन गई

By Suruchi ChircteyApril 15, 2022

जयराम शुक्ल भारत में पहले अखबार ‘बंगाल गजट’ का निकलना एक दिलचस्प घटना थी। वह 1780 का साल था ईस्ट इंडिया कंपनी वारेन हेस्टिंग के नेतृत्व में मजबूती के साथ

भेड़िए हाँक रहे भेड़ों के काफिले

भेड़िए हाँक रहे भेड़ों के काफिले

By Suruchi ChircteyMarch 31, 2022

जयराम शुक्ल हाल ही हमारे आसपास घटी दो घटनाएं किसी भी विवेकी व्यक्ति को विचलित कर देने वाली हैं। पहली- रामकथा का प्रवचन करने आए एक महंत जी व्यासगादी में

World Water Day : एक ही रास्ता, पानी को गिरफ्तार करो

World Water Day : एक ही रास्ता, पानी को गिरफ्तार करो

By Suruchi ChircteyMarch 22, 2022

जयराम शुक्ल इजराइल की गैलीना मनुस्किन मेरी सोशल मीडिया मित्र हैं। वे पूरी दुनिया घूमती हैं पर भारत से उनका खास लगाव है। वे ये इतिहास जानती हैं कि यहूदियों

सामाजिक परिवर्तन के पुरोधा, कांशीराम जी को याद करते हुए

सामाजिक परिवर्तन के पुरोधा, कांशीराम जी को याद करते हुए

By Suruchi ChircteyMarch 15, 2022

जयराम शुक्ल यह सही है कि देश में जाति के आधार पर शोषण और अत्याचार हुए हैं। इस सिलसिले ने ही अँबेडकर साहब (Ambedkar Saheb) की प्राणप्रतिष्ठा की और राजनीति

चुनावी लोकतंत्र का सफर, इस पतन का मुकाम कहाँ!

चुनावी लोकतंत्र का सफर, इस पतन का मुकाम कहाँ!

By Suruchi ChircteyMarch 12, 2022

जयराम शुक्ल चुनाव मेरे लिए हमेशा से कौतूहल का विषय रहे हैं। मीडिया में आने के बाद तो समझिए किसी जश्न से कम नहीं। बिना मगजमारी के विषयवस्तु मिल जाता

हम पाखंडी जनम जनम के!

हम पाखंडी जनम जनम के!

By Suruchi ChircteyMarch 8, 2022

जयराम शुक्ल “लछमी देवी दर दर भटकें बेबस निर्धन चार टके को दुर्गा पर गुंडे लहटे हैंं निर्बल अबला जान समझ के। सरस्वती को दिया मजूरी डाट दपटकर बेलदार ने,

यूपी चुनाव पर यूक्रेन इफेक्ट

यूपी चुनाव पर यूक्रेन इफेक्ट

By Suruchi ChircteyMarch 4, 2022

जयराम शुक्ल रूस-यूक्रेन के युद्ध की सुर्खियों ने उत्तरप्रदेश के चुनाव की चर्चा को चंडूखाने में धकेल दिया। 7×24 मीडिया पर यूक्रेन की तबाही और उसके ऊपर चील्ह की भाँति

और अंततः ‘खाकसार’ जिन्दगी का ‘हादसा’ रचकर खाक में जा मिला!

और अंततः ‘खाकसार’ जिन्दगी का ‘हादसा’ रचकर खाक में जा मिला!

By Suruchi ChircteyMarch 2, 2022

जयराम शुक्ल कोई चार दिन पहले ही भास्कर में छपने वाले ‘परदे के पीछे में’ अपने स्तंभ को स्थगित करते हुए वादा किया था कि फिलहाल विदा ले रहे हैं

कभी अलविदा न कहना

कभी अलविदा न कहना

By Suruchi ChircteyFebruary 25, 2022

जयराम शुक्ल यह मेरे जैसे न जाने कितने प्यासे पाठकों के लिए भावुक क्षण है। जयप्रकाश चौकसे जी का कालम ‘परदे के पीछे’ कल से पढ़ने को नहीं मिलेगा। दैनिक

संवेदनाओं की मरुभूमि में हमारी पत्रकारिता

संवेदनाओं की मरुभूमि में हमारी पत्रकारिता

By Suruchi ChircteyFebruary 25, 2022

जयराम शुक्ल अतीत की जुगाली अमूमन हताशा की परिचायक होती है लेकिन वर्तमान की नापजोख के लिए उससे प्रामाणिक पैमाना दूसरा नहीं हो सकता। समाज के मूल्य और कीमतों को