Indore Article
सुनी सुनाई : मंत्री मेहरबान तो एसपी पहलवान
रवीन्द्र जैन ग्वालियर संभाग के एक जिले के पुलिस कप्तान को जिले के मंत्री ने शायद लूट का लायसेंस दे दिया है। कप्तान साहब ने थाने नीलाम कर रखे हैं।
World Water Day : एक ही रास्ता, पानी को गिरफ्तार करो
जयराम शुक्ल इजराइल की गैलीना मनुस्किन मेरी सोशल मीडिया मित्र हैं। वे पूरी दुनिया घूमती हैं पर भारत से उनका खास लगाव है। वे ये इतिहास जानती हैं कि यहूदियों
राज-काज : कांग्रेस भी कर सकती थी मार्केटिंग
दिनेश निगम ‘त्यागी’ यह कथन किसी और का नहीं, कांग्रेस के एक खास प्रदेश पदाधिकारी का है। इनका कहना था कि मार्केटिंग की कला ही भाजपा को कांग्रेस से बहुत
राष्ट्रकवि सत्यनारायण सत्तन ने रंगपंचमी विश्व प्रसिद्ध गेर के सुनाए किस्से
कीर्ति राणा आज की तरह तब सामाजिक भेदभाव नहीं था। पश्चिम क्षेत्र में रंगारंग गेर तो 1955-56 से निकलना शुरु हुई लेकिन इससे पहले मल्हारगंज क्षेत्र में बसे उत्तर प्रदेश
परिवर्तन के समय में उभार पाती भाजपा
हितानंद शर्मा दूसरे खिलाड़ी को सौंप देता है, जो उसे और आगे ले जाता है, ठीक इसी प्रकार की स्पोर्ट्समैनशिप मध्यप्रदेश भाजपा में देखने को मिल रही है। भारतीय जनता
मोटिवेशनल स्पीकर ने इंदौर के युवाओं को दिया आगे बढ़ने का हौसला कहा – अब हम दौड़ेंगे नही, उड़ेंगे
मनमोहन झांझरी हमारे भारत देश मे महिला सशक्तीकरण की नही बल्कि उस पुरुष की मानसिक स्थिति को सशक्त करने की आवश्यकता है जो महिला को पुरूष से कम आंकता है
सामाजिक परिवर्तन के पुरोधा, कांशीराम जी को याद करते हुए
जयराम शुक्ल यह सही है कि देश में जाति के आधार पर शोषण और अत्याचार हुए हैं। इस सिलसिले ने ही अँबेडकर साहब (Ambedkar Saheb) की प्राणप्रतिष्ठा की और राजनीति
किस्से क्रिकेट के : बात चलती रही ‘नेहरू स्टेडियम से लार्डस तक’
कीर्ति राणा मौका था किताब के विमोचन का, क्रिकेट के किस्से चले तो बात ‘नेहरू स्टेडियम से लार्डस’'(Lords from Nehru Stadium’) तक पहुंच गई। चर्चा क्रिकेट(Cricket) की हो और मध्य
चुनावी लोकतंत्र का सफर, इस पतन का मुकाम कहाँ!
जयराम शुक्ल चुनाव मेरे लिए हमेशा से कौतूहल का विषय रहे हैं। मीडिया में आने के बाद तो समझिए किसी जश्न से कम नहीं। बिना मगजमारी के विषयवस्तु मिल जाता
बड़ी स्टील इंडस्ट्रीज को इंदौर में निवेश के लिए आमंत्रित करेंगे
केंद्रीय इस्पात मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते (Faggan Singh Kulaste) कल ग्लोबल फोरम फॉर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के IRECIS कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा इंदौर में निवेश की असीम और
हम पाखंडी जनम जनम के!
जयराम शुक्ल “लछमी देवी दर दर भटकें बेबस निर्धन चार टके को दुर्गा पर गुंडे लहटे हैंं निर्बल अबला जान समझ के। सरस्वती को दिया मजूरी डाट दपटकर बेलदार ने,
यूपी चुनाव पर यूक्रेन इफेक्ट
जयराम शुक्ल रूस-यूक्रेन के युद्ध की सुर्खियों ने उत्तरप्रदेश के चुनाव की चर्चा को चंडूखाने में धकेल दिया। 7×24 मीडिया पर यूक्रेन की तबाही और उसके ऊपर चील्ह की भाँति
और अंततः ‘खाकसार’ जिन्दगी का ‘हादसा’ रचकर खाक में जा मिला!
जयराम शुक्ल कोई चार दिन पहले ही भास्कर में छपने वाले ‘परदे के पीछे में’ अपने स्तंभ को स्थगित करते हुए वादा किया था कि फिलहाल विदा ले रहे हैं
सुनी सुनाई : मप्र में सक्रियता बढाएंगे सिंधिया
रवीन्द्र जैन मप्र में सक्रियता बढाएंगे सिंधिया – केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को चार साल पहले मप्र के एक वरिष्ठ पत्रकार ने सलाह दी थी कि यदि उन्हें मप्र का
भाईचारे को लेकर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह में है महात्मा गांधी जैसी प्रतिबद्धता, हर काम में झलकती है गांधी जी की छवि
योगेन्द्र सिंह परिहार महात्मा गांधी जी का नाम ज़हन में आते ही उनके संघर्षकाल के जीवन की कई तस्वीरें सामने आने लगती हैं। सुबह जल्दी उठना, योग-व्यायाम करना, स्वच्छता बनाये
भारत की सुस्ती और यूक्रेन से सीधी विमान सेवा न होने के कारण फँस गए हज़ारों छात्र
रविश कुमार यूक्रेन से अपने नागरिकों के निकलने की एडवाइज़री जारी करने में भारत ने काफी देर कर दी। 24 जनवरी को आस्ट्रेलिया ने और 11 फरवरी को 11 फरवरी
कभी अलविदा न कहना
जयराम शुक्ल यह मेरे जैसे न जाने कितने प्यासे पाठकों के लिए भावुक क्षण है। जयप्रकाश चौकसे जी का कालम ‘परदे के पीछे’ कल से पढ़ने को नहीं मिलेगा। दैनिक
संवेदनाओं की मरुभूमि में हमारी पत्रकारिता
जयराम शुक्ल अतीत की जुगाली अमूमन हताशा की परिचायक होती है लेकिन वर्तमान की नापजोख के लिए उससे प्रामाणिक पैमाना दूसरा नहीं हो सकता। समाज के मूल्य और कीमतों को
दर्द-ए-उमा: ‘सरे आईना मेरा अक्स है, पसे आईना कोई और है..!’
अजय बोकिल मध्यप्रदेश की राजनीति में फुलझडि़यां छूट रही हैं। दो साल पहले कांग्रेस से भाजपा में आए और अब मोदी सरकार में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक जैन
जीने की ख्वाहिश है तो मरने की तैयारी रख
जयराम शुक्ल आज जो यूक्रेन के साथ हो रहा है, कल किसी भी देश के साथ संभाव्य है। इसलिए जरा सोचें और विचार करें..। अमेरिका इसलिए महान है क्योंकि अस्तित्व