Indore Article
मियां भोपाली के झोले-बतोले, ठंडी चाय पे गरम सियासत
अजय बोकिल नगरीय निकाय चुनावों के दौरान मुख्यमंत्री को ठंडी चाय परोसना एक अधिकारी को महंगा पड़ गया। चाय पीने से ताजगी आने की तो सुनी थी, मगर एमपी में
श्रीलंका को लेकर क्या हमें भी डरना चाहिए ?
श्रवण गर्ग जनता द्वारा बर्खास्त कर दिए जाने के बाद श्रीलंका से भागकर मालदीव के रास्ते सिंगापुर पहुँचने वाले 73-वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे का कोलम्बो में समुद्र किनारे बना
चुनाव जीतने की रणनीति में साथ दिया क्या कांग्रेस के क्षत्रपों ने ?
नितिनमोहन शर्मा क्या कांग्रेस संजय शुक्ला की विजय चाहती थी? क्या वाकई संजय की वो रणनीति सफल रही जिसमे कांग्रेस को एक तरफ रख चुनाव लड़ना मुकर्रर हुआ था? भाजपा
कोरोना में डॉक्टरों ने धड़ल्ले से लिखी Dolo 650, इनकम टैक्स के छापे में हुआ 1000 करोड़ के गिफ्ट का खुलासा
गिरीश मालवीय दिमाग पर थोड़ा जोर डालिए! कोरोना काल में लगभग हर दवा के पर्चे पर ये नाम लिखा रहता था, कोरोना महामारी के शुरु होने के बाद से Dolo-650
चार मास के लगन लिखाकर दूल्हा बन आया सावन मास, बूंदों का सेहरा बना, बादल बने बाराती
नितिनमोहन शर्मा अंबर पर बादल बाराती बनकर डोलने लगे है. नव वधू सी सज धज के कुदरत तैयार हो गई है.वसुंधरा ने भी हरियाली की चुनर ओढ़ ली है. चहु
आरएसएस का आकलन : 50 हजार वोट से जीतेगा बीजेपी का महापौर प्रत्याशी
नितिनमोहन शर्मा ये पंच लाइन “भगवा ब्रिगेड” से निकलकर बाहर आई है। मसला नगर निगम चुनाव ओर महापौर उम्मीदवार पुष्यमित्र भार्गव का है। कांग्रेस के महापौर चुनाव जीतने के मचे
इंदौर उत्थान समिति को सता रहा है डर, क्या होगा मास्टर प्लान 2035 का हाल
कीर्ति राणा अब इंदौर उत्थान अभियान समिति को भय सताने लगा है कि ऐसा न हो कि वो मुख्यमंत्री-सांसद-मंत्री की बातों पर भरोसा कर इंतजार करते रहें और उन्हें विश्वास
आज का युग इंटरनेट का युग है, इससे कोई इंकार नहीं कर सकता
डॉ तुषार खण्डेलवाल वास्तु में Google का स्थान- आज हमे कुछ भी जानने की इच्छा हो या किसी को पता बताना हो तो google ही याद या कहे काम आता
नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम को लेकर सशंकित भाजपा
नितिनमोहन शर्मा नगरीय निकाय चुनावों में सफलता को लेकर प्रदेश भाजपा के पास शुभ संकेत सामने नही आ रहे है। सत्ता ओर संगठन के पास 6 जुलाई को हुए पहले
सुनी सुनाई : पूर्व मुख्य सचिव का वोट आम आदमी पार्टी को
रवीन्द्र जैन मप्र के एक पूर्व मुख्य सचिव के मतदान का किस्सा आजकल चटकारे लेकर सुनाया जा रहा है। इस अधिकारी पर अहसान भाजपा व कांग्रेस ने किया, लेकिन इन्होंने
राज-काज : बाहर आ ही गई उपेक्षा से दु:खी उमा की पीड़ा
दिनेश निगम ‘त्यागी’ पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भाजपा में अपनी उपेक्षा से दु:खी हैं, इसे लेकर अटकलें लंबे समय से थीं। शराबबंदी सहित कुछ मसलों पर उनके बयानों और एक्शन
प्रदेश अध्यक्ष से लेकर संगठन महामंत्री तक पहुंची चुनाव की कमियां
नितिनमोहन शर्मा भाजपा में चुनाव यानी घर मे बेटी का ब्याह। जो हालत बेटी के ब्याह में पिता की होती है, ठीक वैसे ही हालात नगर संगठन ओर उससे जुड़े
जहा कभी टेबल तक नही लगती थी, वहां कांग्रेस पूरे दमखम लड़ी चुनाव
नितिनमोहन शर्मा औसत इंदौरी ये कल्पना ही नही कर सकता कि भाजपा के कद्दावर नेता चंदू शिंदे को अपने ही इलाके में जान के लाले पड़ जाए। वो भी चलते
घर मे बेठकर हो गया बूथ मैनेजमेंट, चुनाव वाले दिन लावारिस थी पार्टी
नितिनमोहन शर्मा नींद में से भी कोई झकझोर कर पूछ लें न तो भी मंडल अध्यक्ष सिलसिलेवार अपने मंडल की बूथ रचना धाराप्रवाह बोल देता था। ऐसी थी पुरानी भाजपा
‘काली’ का मनमाना चित्रण और धार्मिक उदारता की परीक्षा
अजय बोकिल लगता है ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ की आड़ में विद्रोही तमिल फिल्मकार लीना मणिमेखलई ने हिंदुओं की धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचाने की सुपारी ले ली है। हिंदुओं की
भंवरलाल और कन्हैयालाल एक ही इंसान के दो नाम हैं !
श्रवण गर्ग भंवरलाल और कन्हैयालाल दो अलग-अलग इंसान नहीं हैं। दोनों एक जैसे ही हाड़-मांस के जीव थे। दोनों के दिल एक जैसे ही धड़कते थे। उनके रहने के ठिकाने
शुद्ध जल के नाम पर जल व्यवसाय का बड़ा साम्राज्य आज स्थापित है
प्रशांत सिन्हा भूजल के दोहन के चलते उसका गिरता स्तर सरकार के लिए चिंता का विषय है । इसलिए गिरते भूजल स्तर को रोकने के लिए जनता को जागरूक करना
विकास के हाईवे पर दौड़ रहा इंदौर, अब फिर से पगडंडी पर नही लौटेगा
नितिनमोहन शर्मा इंदौर अब विकास के हाईवे पर रफ्तार से दौड़ रहा है। नीत नए सोपान छुता ये शहर अब देश मे अपनी अलग पहचान बना चुका है। हर इंदौरवासी
महाराष्ट्र के कुछ महासबक
डॉ. वेदप्रताप वैदिक महाराष्ट्र की राजनीति भारत के लिए कुछ महासबक दे रही है। सबसे पहला सबक तो यही है कि परिवारवाद की राजनीति पर जो पार्टी टिकी हुई है,
ज़ाकिया जाफ़री को अब क्या करना चाहिए ?
श्रवण गर्ग ज़ाकिया जाफ़री अब आगे क्या करने वाली हैं ? वे और कितना पैदल चल पाएँगी ? इंसाफ़ के लिए लड़ते रहने के लिए तिरासी साल की उम्र कोई