‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में भोपाल के छात्रों ने PM मोदी से पूछे ये सवाल, जानिए क्या मिला जवाब

ashish_ghamasan
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नई दिल्ली। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में शुक्रवार को स्टूडेंट्स से ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में बातचीत की। दो घंटे तक चले इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने परीक्षा और जीवन में तनाव पर बच्चों के सवालों के जबाव दिए। कई शहरों के बच्चों ने प्रधानमंत्री मोदी से सवाल किए और PM मोदी ने उनके जवाव दिए।

परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में मध्‍य प्रदेश के भोपाल के बच्चों को भी अपना सवाल पूछने का मौका मिला। प्रधानमंत्री से भोपाल की 12वीं की छात्रा रितिका गोड़के और 10वीं के छात्र दीपेश ने भी सवाल पूछे। रितिका 12वीं की स्टूडेंट हैं। शासकीय सुभाष माध्यमिक विद्यालय स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की छात्रा हैं।

रितिका गोड़के ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा- हम अधिक से अधिक भाषाएं कैसे सीख सकते हैं? प्रधानमंत्री ने जवाब में कहा कि भारत विविधताओं से भरा हुआ देश है। हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि हमारे पास सैकड़ों भाषाएं हैं, हजारों बोली हैं। यह हमारी समृद्धि है। हमें अपनी इस समृद्धि पर गर्व होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने बच्चों के सवालों के जवाब देते हुए बिना तनाव के परीक्षा की तैयारी करने को कहा।

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उन्होंने आगे कहा- हम भाषा के जरिए विविधताओं से परिचित होते हैं। बिना बोझ बनाए हमें भाषा सीखनी चाहिये। दुनिया की सबसे पुरातन भाषा जिस देश के पास हो उसे गर्व होना चाहिये कि नहीं होना चाहिये। हमारी तमिल भाषा दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है।

दीपेश ने पूछा- हम इंस्‍ट्राग्राम और अन्‍य इंटरनेट मीडिया की इस दुनिया में अपना ध्‍यान भटकाए बिना अपनी पढ़ाई पर ध्‍यान कैसे केंद्रित करें। PM मोदी ने जवाव देते हुए कहा कि निर्णय हमें करना है कि आप स्‍मार्ट हैं या गैजेट्स स्‍मार्ट हैं। कभी-कभी लगता है कि आप अपने से ज्‍यादा गैजेट्स को स्‍मार्ट मान लेते हैं। गलती वहीं से शुरू हो जाती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा- परमात्मा ने आपको बहुत शक्ति दी है और गैजेट्स आपसे स्मार्ट नहीं हो सकता। आप जितने स्माटर् होंगे उतने प्रभावी तरीके से गैजेंट्स का उपयोग कर सकेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि देश के लिए यह चिंता का विषय है। मुझे पता चला है कि भारत में औसत 6 घंटे लोग स्क्रीन पर गुजारते हैं। हमें गैजेट्स गुलाम बना रहा है। हम इसके गुलाम न बनें और अपनी आवश्यकता के अनुसार इसका उपयोग करें।

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