इंदौर (Indore News) : राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री बसंत प्रताप सिंह (Basant Pratap Singh) ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कलेक्टर्स से राज्य शासन द्वारा जारी नवीन अध्यादेश के संबंध में चर्चा की। श्री सिंह ने कहा कि अध्यादेश के अनुसार पूर्ववर्ती परिसीमन निरस्त हो जाने से ग्राम पंचायत/ जनपद पंचायत/ जिला पंचायत क्षेत्र का निर्वाचन उस परिसीमन एवं विभाजन के आधार पर किया जाना है, जो उनकी संबंधित अवधि की समाप्ति के ठीक पहले विद्यमान थे।
ग्राम पंचायत/जनपद पंचायत/ जिला पंचायत क्षेत्र के प्रवर्ग उन्हीं प्रवर्गों के लिये आरक्षित बने रहेंगे, जैसे कि वे उनकी संबंधित अवधि की समाप्ति पर थे। अध्यादेश ऐसी ग्राम पंचायत/जनपद पंचायत/ जिला पंचायत क्षेत्र पर नहीं होगा, जो संबंधित पंचायतों के अंतिम निर्वाचन के बाद किसी नगरीय क्षेत्र में शामिल हो गये हैं।
इस वीडियो कांफ्रेसिंग में इंदौर से कलेक्टर श्री मनीष सिंह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हिमांशु चंद्र सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री बसंत प्रताप सिंह ने कहा कि जिला स्तर पर विकासखण्ड को इकाई मानते हुए यह जानकारी तैयार करें कि कितनी ग्राम पंचायतें नवीन परिसीमन में प्रभावित हुई हैं।
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नये परिसीमन के दौरान ग्राम पंचायतों की संख्या में कमी/वृद्धि होने अथवा सीमा क्षेत्रों परिवर्तन होने की स्थिति में ऐसी पंचायतों की विकाखण्डवार जानकारी तैयार करें। ग्राम पंचायत के वार्डों का क्षेत्र यदि परिवर्तित हुआ, तो इसकी जानकारी भी तैयार करें। उन्होंने कहा कि पूर्व परिसीमन को आधार मानते हुए, जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत निर्वाचन क्षेत्रों में शामिल ग्राम पंचायतों की स्थिति अनुसार इन निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण करें।
श्री सिंह ने कहा कि पूर्व परिसीमन एवं उसके बाद किये गये परिसीमन का मिलान कर ऐसी पंचायतों की विकाखण्डवार जानकारी तैयार करें, जिनके क्षेत्र/वार्ड की सीमा में परिवर्तन हुआ है। उन्होंने कहा कि यह जानकारी आगामी 25 नवम्बर तक राज्य निर्वाचन आयोग को भिजवाना सुनिश्चित करें।
प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री उमाकांत उमराव ने नवीन अध्यादेश के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अध्यादेश के अनुसार शीघ्र कार्यवाही करें। इस दौरान सचिव राज्य निर्वाचन आयोग श्री बी.एस. जामोद, ओएसडी श्री दुर्गविजय सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।