विराट कोहली का टेस्ट संन्यास, ये दो बड़े रिकॉर्ड अब रह गए अधूरे

कोहली भारत के चौथे सबसे ज्यादा टेस्ट रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं, लेकिन वे 10,000 रन के आंकड़े से 770 रन दूर रह गए। सचिन तेंदुलकर (15,921 रन), राहुल द्रविड़ (13,265 रन), और सुनील गावस्कर (10,122 रन) इस क्लब में शामिल हैं।

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Virat Kohli Test Retirement: भारतीय क्रिकेट के दिग्गज विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर प्रशंसकों को स्तब्ध कर दिया। 12 मई 2025 को उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने इस निर्णय की| 123 टेस्ट मैचों में 9,230 रन बनाने वाले कोहली का यह फैसला इंग्लैंड दौरे से ठीक पहले आया, जिसने क्रिकेट जगत में सनसनी फैला दी। उनके संन्यास ने दो ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स को हासिल करने की संभावना को अधूरा छोड़ दिया। आइए, कोहली के टेस्ट करियर और उन रिकॉर्ड्स पर एक नजर डालते हैं, जो अब उनके लिए एक सपना ही रह गए।

टेस्ट करियर का शानदार सफर

कोहली ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया और 14 साल में 123 टेस्ट में 46.85 की औसत से 9,230 रन बनाए। इसमें 30 शतक और 31 अर्धशतक शामिल हैं। उनकी सबसे बड़ी पारी 254* थी, जो 2019 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आई। कोहली ने 68 टेस्ट में कप्तानी की और 40 जीत हासिल की, जो भारत के लिए रिकॉर्ड है। सोशल मीडिया पर प्रशंसक लिख रहे हैं, “विराट का टेस्ट करियर एक सुनहरा अध्याय था।” उनकी कप्तानी में भारत ने 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज जीती।

10,000 टेस्ट रन का अधूरा सपना

कोहली भारत के चौथे सबसे ज्यादा टेस्ट रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं, लेकिन वे 10,000 रन के आंकड़े से 770 रन दूर रह गए। सचिन तेंदुलकर (15,921 रन), राहुल द्रविड़ (13,265 रन), और सुनील गावस्कर (10,122 रन) इस क्लब में शामिल हैं। कोहली ने 2016-17 में लगातार चार सीरीज में डबल सेंचुरी बनाकर रिकॉर्ड बनाया था, लेकिन हाल के वर्षों में उनकी फॉर्म में गिरावट ने इस लक्ष्य को मुश्किल बना दिया। सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा, “10,000 रन का सपना टूटना दुखद है।” यह रिकॉर्ड अब कोहली के नाम नहीं हो सकेगा।

सबसे ज्यादा टेस्ट शतकों का रिकॉर्ड

कोहली के 30 टेस्ट शतक उन्हें भारत के टॉप बल्लेबाजों में रखते हैं, लेकिन वे सचिन के 51 शतकों के रिकॉर्ड से काफी पीछे रह गए। 2024-25 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कोहली का प्रदर्शन निराशाजनक रहा, जहां उन्होंने 190 रन बनाए, जिसमें उनका औसत मात्र 23.75 रहा। इस खराब फॉर्म ने रिकॉर्ड की संभावना को और कमजोर कर दिया। कोहली ने 2014 से 2019 के बीच 20 टेस्ट शतक लगाए थे, लेकिन पिछले पांच वर्षों में उनके बल्ले से केवल तीन शतक निकले। सोशल मीडिया पर प्रशंसक कह रहे हैं, “विराट के शतक देखना जादू जैसा था, लेकिन सचिन का रिकॉर्ड अब असंभव है।” यह रिकॉर्ड भी कोहली के लिए अधूरा रह गया।

कोहली की विरासत और भविष्य

कोहली अब सिर्फ वनडे क्रिकेट खेलेंगे, जैसा कि रोहित शर्मा ने भी चुना। उनकी कप्तानी और बल्लेबाजी ने टेस्ट क्रिकेट को नया रंग दिया। इंग्लैंड सीरीज के लिए भारत को शुभमन गिल जैसे युवा कप्तान पर भरोसा करना होगा। कोहली की कमी खलेगी, लेकिन उनकी विरासत हमेशा प्रेरणा देगी। क्या भारतीय टेस्ट टीम इस बदलाव से उबर पाएगी? कोहली के प्रशंसक उनकी वनडे पारी का इंतजार कर रहे हैं।