Shani Gochar : शनि को न्याय और कर्मफल का देवता माना जाता है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार शनि के नाराज होने से व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर पड़ता है। शनिदेव प्रसन्न होते हैं तो बिगड़े हुए काम बन जाते हैं और सफलता भी प्राप्त होती है। शनि देव की कृपा न हो तो कोई काम सफल नहीं हो पाता है ना ही शादी, ना ही संतान, और ना ही धन की प्राप्ति हो पाती है।
शनि का स्वभाव कठोर है, जिस वजह से शनिदेव के बुरे प्रभाव से लोग भयभीत रहते हैं। शनि देव के बुरे प्रभाव से बचने के लिए व्यक्ति को अच्छे कर्म करने चाहिए। ज्योतिषों के मुताबिक, करीब 30 साल बाद शनि ग्रह का कुछ राशियों में प्रवेश होने जा रहे है जिसकी वजह से राशियों पर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ने वाला है। आज हम आपको उन्ही राशियों के बारे में बताने जा रहे हैं तो चलिए जानते है –
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जानकारी के मुताबिक, शनि ग्रह को एक राशि में फिर से गोचर करने में करीब 30 साल का समय लग जाता है। बताया जा रहा है कि अभी करीब 30 साल बाद शनि देव 29 अप्रैल को फिर से कुंभ राशि में गोचर करेंगे। दरअसल, 29 अप्रैल को शनि देव 30 साल के लिए अपनी मकर राशि पर होने की यात्रा को रोक देंगे और कुंभ में प्रवेश करेंगे। आप सभी जानते ही होंगे की शनि की चाल बदलने से किसी राशि की साढ़े साती ख़त्म होती है तो किसी की लग जाती है ऐसे में चलिए जानते है किसकी साढ़े साती खत्म होगी और किस पर साढ़े साती लगेगी।
इन 2 राशियों पर लगेगी शनि की ढैया –
ज्योतिष के अनुसार, शनि के राशि परिवर्तन से 2 राशियों पर शनि की ढैया शुरू होने वाली है। बता दे, कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैया शुरू हो जाएगी। वहीं तुला और मिथुन राशि के जातकों पर अभी इसकी ढैया चल रही है। आपको बता दे, शनि ग्रह तुला राशि के लिए उच्च माना जाता है वहीं मेष राशि के लिए ये नीच का होता है।
वहीं मकर और कुंभ राशि का स्वामी ये स्वामी है। ज्योतिषों के मुताबिक, 19 साल तक शनि की महादशा चलती है। ऐसे में जब शनि कुंडली में अच्छी स्थिति में होता है तब उच्च पद, सम्मान और धन की प्राप्ति इंसान को होती है। ऐसे में धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की अर्धशतक का प्रभाव पड़ रहा है।