
Vastu Shastra : वास्तु शास्त्र और अंक ज्योतिष के बीच गहरा संबंध है, क्योंकि दोनों में ही घर के नंबर और व्यक्ति की कुंडली के मेलजोल पर ध्यान दिया जाता है। जब हम वास्तु शास्त्र की बात करते हैं, तो यह भी देखा जाता है कि किसी विशेष घर के नंबर का प्रभाव उस घर में रहने वाले लोगों पर कैसा पड़ेगा। तो चलिए, जानते हैं कि विभिन्न नंबर वाले घरों में रहने से किस प्रकार के परिणाम सामने आ सकते हैं।
नंबर 1
वास्तु के अनुसार, जिन घरों का नंबर 1 होता है, वे स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता के प्रतीक माने जाते हैं। यह घर खासकर बैचलर्स के लिए आदर्श माना जाता है, क्योंकि यहां रहने वाले लोग अपने विचारों में स्वतंत्र होते हैं और अपने करियर को प्राथमिकता देते हैं। इस घर में रहने से आत्मनिर्भरता की भावना उत्पन्न होती है और व्यक्ति अपने लक्ष्यों की ओर अग्रसर होता है।

नंबर 2
नंबर 2 वाले घरों में अक्सर तनाव और बेचैनी का माहौल बना रहता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, इस घर में चिड़चिड़े स्वभाव के लोग हो सकते हैं और यह घर परिवार के सदस्यों के बीच मानसिक असंतुलन पैदा कर सकता है। इस घर में रहने से पहले अपनी कुंडली का मिलान करना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह आपके लिए शुभ है या नहीं।
नंबर 3
वास्तु शास्त्र में नंबर 3 को रचनात्मकता और सामाजिकता का प्रतीक माना गया है। ऐसे घर में रहने से व्यक्ति की सोच खुलती है और सामाजिक संपर्क बढ़ते हैं। कला, मीडिया और साहित्य से जुड़ी हुई व्यक्तियों के लिए यह घर अत्यधिक उपयुक्त है, क्योंकि यह घर कम्युनिकेशन और नेटवर्किंग को बढ़ावा देता है, जो इन क्षेत्रों में सफलता के लिए जरूरी होते हैं।
नंबर 4
नंबर 4 वाले घर वास्तु के अनुसार बहुत शुभ नहीं माने जाते। इस घर में रहने से व्यक्ति का भाग्य कम असरदार हो सकता है और वह मानसिक रूप से नीरस या उदासीन महसूस कर सकता है। इस घर में रहने वालों को खुद में बदलाव और नयापन लाने की आवश्यकता हो सकती है, ताकि वे अपनी स्थिति को बेहतर बना सकें।
नंबर 5
नंबर 5 के घर में रहने वालों को हमेशा आगे बढ़ने की भावना होती है। इस घर में अक्सर आयोजन, पार्टी, या अन्य सामाजिक गतिविधियाँ होती रहती हैं। लोग मिलनसार होते हैं और यहां रिश्तों में भी बदलाव और नवाचार का एहसास होता है। इस घर में रहने से व्यक्तित्व में सकारात्मक बदलाव आते हैं और व्यक्ति अपने करियर और निजी जीवन में नई ऊंचाइयों तक पहुंचता है।
नंबर 6
नंबर 6 वाले घरों में परिवार का महत्व अत्यधिक होता है। यहां प्रेम और संबंधों का माहौल हमेशा बना रहता है, और महिला सदस्य का परिवार में प्रमुख स्थान होता है। यह घर लोगों के बीच सामंजस्य और मेलजोल को बढ़ाता है, जिससे घर में सुख-शांति का वातावरण बना रहता है।
नंबर 7
नंबर 7 के घर में रहने वाले लोग आध्यात्मिक दृष्टिकोण से काफी जागरूक होते हैं। यह घर ज्ञान, बौद्धिकता और मानसिक विकास को बढ़ावा देता है। इस घर में निवास करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है और धार्मिक गतिविधियों में रुचि बढ़ती है। यह घर मानसिक शांति और आत्मज्ञान की ओर प्रेरित करता है।
नंबर 8
नंबर 8 वाले घर वास्तु शास्त्र में शुभ नहीं माने जाते। इस घर में रहने से व्यक्ति को निरंतर संघर्ष और मानसिक असंतुलन का सामना करना पड़ता है। यहां के निवासी अक्सर अपनी महत्वाकांक्षाओं और धन को लेकर अधिक चिंतित रहते हैं, जिससे संबंधों में भी कड़वाहट आ सकती है। इस घर में रहने से व्यक्ति को स्थिरता और संतुलन की आवश्यकता होती है।
नंबर 9
नंबर 9 के घर में रहने वाले लोग आमतौर पर आत्मविश्वास से भरे होते हैं। यह घर बुद्धिजीवी और कलाकारों के लिए उपयुक्त माना जाता है, क्योंकि यह उनके भीतर रचनात्मकता और नेतृत्व के गुणों को बढ़ावा देता है। इस घर में रहने से व्यक्ति के जीवन में सफलता और समृद्धि की संभावना अधिक होती है, और वह आत्मनिर्भर होकर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करता है।
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