नई दिल्ली : होली-रंगपंचमी के बाद अब लगातार हिन्दुओं के पर्व आना शुरू हो चुके है। बताया जा रहा है 27 मार्च यानि कल रविवार को दशा माता का व्रत(Dasha Mata Vrat) महिलाओं द्वारा किया जाएगा। परन्तु इस बार इस व्रत को लेकर इस साल महिलाओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है जिसका कारण है इस व्रत का रविवार के दिन आना।
जी हाँ, दरअसल ऐसा इसलिए क्योंकि धार्मिक मान्यता में रविवार के दिन पीपल के वृक्ष का पूजन निषेध माना गया है। यही कारण है कि महिलाओं में रविवार के दिन दशा माता(Dasha Mata) के पूजन करने को लेकर असमंजस बना हुआ है। हालाँकि विद्वानों से जब इस बात को लेकर चर्चा की गई तो उनका कहना है कि तिथि सिद्धांत के अनुसार पर्व व त्योहारों के लिए तिथि को विशेष मान्यता दी जाती है, इस दिन वार की प्रधानता नहीं रहती है।
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इसलिए रविवार को दशमी तिथि पर सर्वार्थसिद्धि योग, धन दायक पाताल वासिनी भद्रा की साक्षी में पूरे दिन दशा माता का पूजन विधि-विधान के साथ किया जा सकता है। इसके अलावा उनका कहना है कि पूजन में किसी प्रकार का वार का दोष नहीं लगेगा। अंतः इस बात पर सहमति बनाते हुए महिलाओं को रविवार के दिन पूजन करने के लिए कहा गया।
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व्रत का नियम
आपको बता दे कि दशा माता के व्रत करने वाली महिलाएं इस दिन केवल एक ही प्रकार के अनाज का सेवन कर सकती है। जिसमे ज्यादातर महिलाएं गेहूं का विकल्प चुनती हैं, परंतु इस व्रत में नमक खाना वर्जित है। मान्यताओं के अनुसार बताया जाता है कि आज के दिन लोग पैसे उधार नहीं देते हैं और ना ही कोई नई वस्तुएं खरीदते हैं।