अंतिम संस्कार के बाद क्यों है नहाने की परंपरा, जानें इससे जुड़ा यह वैज्ञानिक कारण

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By Shivani RathorePublished On: December 6, 2023

Funeral Ritual:हिंदू धर्म में जन्म से लेकर अंतिम संस्कार तक कई मान्यताएं और परंपराएं है। कई परंपराओं का हम सदियों से पालन करते आ रहे हैं, जिनके पीछे कुछ ना कुछ वैज्ञानिक कारण जरूर होते हैं। आज हम अंतिम संस्कार से जुड़ी एक परंपरा के बारे में बात कर रहे हैं। हिंदू धर्म में शमशान से वापस आने की बात नहाया जाता हैं, इसके बाद ही घर में प्रवेश किया जाता है। बहुत लोग यह परंपरा निभाते आ रहे हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस परंपरा का क्या मतलब होता है, इसे क्यों किया जाता है? मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि शमशान में लगातार शवों को जलाने से नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है, जो व्यक्ति पर भी असर डाल सकता है। इसलिए या तो लोग नदियों में स्नान करते हैं या फिर घर के बाहर नहाकर ही अंदर प्रवेश करते हैं, ताकि शरीर की सारी नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाए।

जानें, क्या है इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण

इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण यह है कि जब कोई व्यक्ति मर जाता है तो शरीर बैक्टीरिया से लड़ नहीं पता है और बैक्टीरिया डिकंपोज होने लगते हैं। ऐसे में अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोग बैक्टीरिया के संपर्क में आ जाते हैं। इसलिए हमारे पूर्वजों के द्वारा दहा संस्कार के बाद स्नान करने की परंपरा शुरू की गई। अगर बिना नहाए घर के अंदर जाते हैं तो व्यक्ति के साथ नकारात्मक उर्जा भी घर में प्रवेश करती है। इसलिए बिना नहाए ना घर के अंदर जाना चाहिए और ना ही घर की किसी वस्तु को हाथ लगाना चाहिए।