Makar Sankranti 2025 : मकर संक्रांति हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे विशेष रूप से सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के दिन मनाया जाता है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे एक सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से तिल के लड्डू बनाने और उन्हें खाने की परंपरा है। आइए, जानते हैं कि मकर संक्रांति पर तिल के लड्डू बनाने और खाने का धार्मिक और पौराणिक महत्व क्या है।
मकर संक्रांति का महत्व
मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, और इस दिन को पुण्यकारी माना जाता है। इसे शुभ अवसर के रूप में मनाते हुए लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और दान करते हैं। विशेष रूप से तिल का दान करना और तिल-गुड़ खाना बहुत लाभकारी माना जाता है। यही कारण है कि मकर संक्रांति के दिन तिल के लड्डू बनाने और उनका सेवन करने की परंपरा है।
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तिल के लड्डू बनाने की परंपरा
तिल के लड्डू बनाने और उन्हें खाने की परंपरा पौराणिक कथाओं से जुड़ी हुई है। एक बार भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि देव से बहुत नाराज हो गए थे। वे शनि देव के कुंभ राशि वाले घर को अपने तेज से जला देने के कारण क्रोधित हो गए थे। इसके बाद शनि देव ने अपने पिता से माफी मांगी, और भगवान सूर्य का क्रोध शांत हुआ।
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भगवान सूर्य ने शनि देव से कहा कि जब भी वे मकर राशि में प्रवेश करेंगे, तो उनका घर समृद्धि और खुशियों से भर जाएगा। मकर राशि शनि देव का एक प्रिय घर है। इस बाद शनि देव ने अपने पिता की पूजा करने के लिए तिल और गुड़ अर्पित किया। तिल और गुड़ से भगवान सूर्य को प्रसन्न किया गया और वे शनि देव से खुश हो गए।
मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, शनि देव ने तिल और गुड़ भगवान सूर्य को भेंट किए थे क्योंकि शनि देव के पास कुछ भी बचा नहीं था। यह वह समय था जब शनि देव ने अपने पिता से प्रेम और आशीर्वाद प्राप्त किया। तभी से यह परंपरा बन गई कि मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ का सेवन किया जाए।
तिल और गुड़ का संयोजन एक प्रतीक के रूप में देखा जाता है जो हर किसी के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का मार्ग प्रशस्त करता है। मकर संक्रांति पर तिल के लड्डू बनाकर भगवान सूर्य को अर्पित करने से न केवल धार्मिक दृष्टि से लाभ मिलता है, बल्कि यह शनि देव के आशीर्वाद का भी प्रतीक माना जाता है।
इस साल मकर संक्रांति 14 जनवरी, मंगलवार को मनाई जाएगी, जब भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन तिल के लड्डू बनाने और उन्हें खाने की परंपरा को जीवित रखने के साथ-साथ, हर कोई इस अवसर पर सूर्य देव की पूजा करके उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है।